सलीबी जंग पार्ट 2 (crusades ) की शुरुआत हो चुकी है यह कहना है तुर्की के खिलीफा एरडोगन का । सलीबी जंग पार्ट 1 जो इस्लाम और ईसाइयत में लड़ी गई थी । जिसमे ईसाइयत जीती थी । आज यह जंग फिर शुरू हो चुकी है । यहां ईसाई दुनिया के पास तकनीक है लेकिन ईसाइयों के पास इस वख्त लड़ने का जज्बा कम है । दूसरी और इस्लाम के पास संख्या बल है और लड़ने मरने का जज्बा है । फ्रांस को हिन्दू भारत ने भी समर्थन दे दिया है ।जिससे पलड़ा फ्रांस की तरफ़ झुकता दिख रहा है । अगर ईसायत ने यूरोप और एशिया में अपना वजूद बचना है तो उसे हिन्दुओं का साथ चाहिये । बदले में हिंदुओं के सबसे बड़े संगठन rss को चर्च से अपनी हिन्दू conversion की पालिसी त्यागने पर कम से नहीं मानना चाहिये । अगर ईसाई मशीनरी हिंदुओ के conversion के स्थान पर शनिदूतो के conversion पर ध्यान दें तो ही हिंदुओ को चर्च का इस सलीबी जंग में साथ देना चाहिये नहीं तो शांतिदूत यूरोप में घुस चुके हैं । इस बार सलीबी जंग यूरोप की गलियों में होगी । जिसमें तकनीक कुछ नहीं कर सकेगी । ईसाई अधिकतर अय्याश और बूढ़े हो चले हैं । कम्युनिज्म के रूप में शांतिदूतों के पास बहुत बड़ा हथियार है क...
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डॉक्टरों की हराम जादगी का इससे पता चलता है कि डॉक्टर हमेशा , बीमार आदमी को और बीमार करने के लिये सड़े हुये मैदे से बनने वाले 5 दिन पुराने ब्रेड़ खाने की, सलाह देता है । कभी हल्दी वाली खिचडी की नहीं । कोई भी डॉक्टर आपको कभी सेंधा नमक प्रयोग करने की सलाह नहीं देगा । शरीर में बहुत अधिक रोग उत्पन्न करने वाले एक विशेष कंपनी के रिफाइंड के प्रयोग की सलाह दी जाती है। अगर कोई व्यक्ति हाई BP ,zuric acid ,survical की समस्या से जूझ रहा है तो डॉक्टर उसको कभी चाय बन्द करने के लिये नहीं कहेगा जो इन सब समस्याओं की माँ है । डॉक्टर कभी आपको फ्रिज के ठंडे पानी को पीने से नहीं रोकता जिससे सिरदर्द ,कब्ज़ आदि की समस्या होती हैं । कृपया अपने विवेक का इस्तेमाल करें । डॉक्टर को जिस चीज़ के पैसे नहीं मिलते वह उस चीज़ को कभी प्रमोट नहीं करता।
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हिंदुओ को आरेंज मैरिज व्यवस्था पर फिर से ध्यान देना होगा । खुलेपन पर रोक लगनी होगी तभी लव जिहाद रुकेगा । आजकल हिन्दू लड़के लड़कियां भोंडे डांस करते हैं । हिन्दू लड़के लड़कियां आम शराब पी रहीं हैं अश्लील वीडीओ बना रहे हैं । पहले इसे रोकना होगा । लड़के लड़कियों की शादी जल्द करनी पड़ेगी । केवल मुरसमान समाज को दोष देनें से कुछ नहीं होगा अपने गिरेवान में भी झांकना पड़ेगा । हमारे पूर्वजों में मुगलों ,अंग्रेजों का 1000 साल से मुकाबला किया कभी किसी की जुर्रत नहीं पड़ी हिन्दू लड़कियों को छेड़ने की । 1992 के बाद केवल tv ने घर घर ,अश्लीलता का जहर घोल दिया । लड़के लड़कियों को अपने माता पिता के खिलाफ विद्रोह के लिये उकसाया गया । हमारे शास्त्रों ने 'धर्मो रक्षितः रक्षितः' का उदघोष किया है । अर्थात अगर तुम धर्म की रक्षा करोगे धर्म तुम्हारी रक्षा करेगा । तुमने अपने आप को फिर अपनी औलाद को धर्म विरुद्ध आचरण करने के लिये प्रेरित किया । आज तुम्हारी दुर्गति तुम्हारे सामने है । चंद रुपये की खातिर तुम अपने बेटे बेटियों को अपने शहर से हाज़रों किलोमीटर दूर नोएडा आदि में chop ( नौकरी) करने के लिये भेज देते हो फिर बड़ी...
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किसान पूंजीवादी और सरकारी बिचौलियों को निपटा कर कैसे अपनी उपज सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचा सकता है। 1. सबसे पहले किसान को सनातन मिश्रित खेती के मॉडल को अपनाना पड़ेगा । जिसका मूलमंत्र है कि किसान अपने घर की जरूरत का अधिकतर समान जैसे दाल,सब्जी आदि खुद ही बीजे । और जो फसल अधिक हो उसे बेच दे। इस कारण किसान का आर्थिक शोषण बहुत ही कम होगा । दूसरी और आजकल पूंजीवादी कंपनियों और सरकार द्वारा प्रयोजित खेती का मूल मंत्र है ,कि किसान अपनी सारी की सारी फसल बाजार में बेचे ।और अपनी जरूरत का सारा समान बाजार से खरीदे ।जैसे कि अगर किसान धान और गेहूं बेचता है। तो उसको सब्जी,दालें,सरसों का तेल,मूंगफली,ज्वार बाजरा,मक्की आदि बाजार से खरीदने पड़ते हैं । 2. अपनी उपज को सीधा उपभोक्ता तक पहुँचना होगा । तांकि किसान का शोषण कम से कम हो सके या बिल्कुल ना हो सके ।जो चीज़ किसान मंडी में सरकारी और पूंजीवादी बिचौलियों को कौड़ियों के दाम पर बेचता है वही चीज़ उपभोक्ता को सोने के दाम पर मिलती है । Apmc एक्ट की समाप्ति के बाद अब किसान अपनी उपज सीधे उपभोक्ता को बेचने के लिये स्वतंत्र है । इसके लिए किसान के लिये सबसे उत्तम उप...
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अब ताज़ी मिठाईयों की जगह बड़ी बड़ी कंपनियों की चार छह महीने मिठाई खाने के लिए हो जाएं तैयार । मोदी सरकार हलवाइयों को बेरोज़गार कर देश का विकास करने के लिये कटिबद्ध है । इससे देश की जीडीपी कैसे बढ़ेगी और देश का विकास कैसे होगा ? इसको जानने के लिये एक उदाहरण ले लेते हैं । मान लो एक शहर में 1000 छोटे हलवाई हैं जो आपको ताज़ी मिठाई देतें हैं और एक हलवाई साल का 200000 रुपए कमा लेता है । एक हलवाई के पास औसतन 10 व्यक्ति काम करते हैं और सारे हलवाइयों के पास 10000 व्यक्ति काम करते हैं । सारे हलवाई मिलकर साल में 20 करोड़ कमा लेतें हैं । अब मान लो सरकार इन सब हलवाइयों का काम छीन कर किसी सरकारी या प्राइवेट ( देशी या विदेशी,) कंपनी जैसे amul ,verka ,mother dairy ,हल्दीराम ,पेप्सिको आदि को दे देती है और यह कंपनियां इन 1000 हलवाइयों को और इनके 10000 श्रमिकों को बेरोजगार कर देती हैं और इनके स्थान पर मशीनें आदि लगाकर केवल 100 व्यक्तियों को रख कर खुद 20 करोड़ कमा लेती हैं । तो देश की जीडीपी 20 करोड़ बढ़ जाएगी और देश के employment index में 100 व्यक्तियों की वृद्धि हो जाएगी । चाहे दूसरी तरफ 11000 व्यक्ति बेरोजग...
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अजरबैजान और आर्मीनिया के दरमियान जो जंग है उससे एक बात साफ है कि ईसाई फिलहाल जंग हार रहें हैं । अज़रबैजान पर शुरू में आर्मीनिया भारी पड़ रहा था लेकिन मुस्लिम उम्मा के कांसेप्ट ने आर्मीनिया को back foot पर धकेल दिया । सीरिया और दूसरे मुस्लिम मुमालिक के जिहादी गुंडे अज़रबैजान की तरफ से लड़ने चले गए । दुनिया के सबसे बड़े इस्लामिक खैर खबह पाकिस्तान भी इस जंग में आर्मीनिया के खिलाफ लड़ा । खिलफते तुर्क ने भी अज़रबैजान पर भरपूर गोला बारूद फेंका ।लेकिन मजाल है कि ईसाई देश के किसी ने आर्मीनिया का साथ दिया हो । आर्मीनिया और अज़रबैजान के जंग से एक बात साफ है कि इस्लाम के लिये अब यूरोप का रास्ता साफ है। अब यूरोप को #यूरिबिया बनने से बचाने के लिए शायद ही कोई पॉलैंड का राजा आये। यूरोप के लोग अब पूरी तरह से ऐय्याश हो चुके हैं । पूँजीवाद और कम्युनिज्म ने यूरोप की परिवार व्यवस्था की जड़ों में मट्ठा डाल दिया है । यूरोप में 90% लोगों का कोई परिवार नहीं है । यूरोप की ईसाई आबादी दिन ब दिन कम हो रही है। बेल्जियम के सेना की औसत आयु और कमर दोनों 44 हो चुकी है । यूरोप अब हिन्दुओं की तरह किसी मशीहा का इंतजार कर रहा है ...
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पांच दिन पुराने थैली वाले दूध की आपार सफलता के बाद पेश है एक साल पुरानी केमिकल युक्त मिठाई ,वह भी केमिकल युक्त । अब आप घर बैठे ही एक साल पुरानी मिठाई ऑनलाइन भीम upi पर मंगवा सकते हैं और तरक्की के गुण गा सकते हैं । पूँजीवाद और सरकारी पूँजीवाद यानि कम्युनिज्म की तरफ से पेश है एक और समस्या । नोट:-सरकारी या निजी पूंजीवादी कंपनी से एक साल पुरानी मिठाई देश की जीडीपी बढ़ेगी और आपकी सेहत गिरेगी । दूसरी तरफ स्थानीय या घर में बनी ताज़ी मिठाई से देश की जीडीपी गिरेगी लेकिन आपकी सेहत अच्छी रहेगी । ------- (जालंधर(एन.मोहन): वेरका की मिठाई ‘खतरा-ए-जान’ वाली स्थिति में है। एक वर्ष पूर्व दीवाली के लिए बनाई करीब 30 लाख की मिठाई की खराब गुणवत्ता की जांच विभाग अभी भी पूरी नहीं कर सकी। दो-तीन अधिकारियों की कथित लापरवाही से मिठाई में कैमिकल खतरनाक मात्रा में डाल दिए गए थे। भेद न खुल जाए इसलिए इस मिठाई को बंद करके रखा गया था और चूहों के खाते में डाला जाना था। परन्तु इससे पहले ही भेद खुल गया। अब दूसरी दीवाली आने वाली है और विभाग अभी असमंजस में है। https://punjab.punjabkesari.in/punjab/news/poor-quality-check...