हिंदुओ को आरेंज मैरिज व्यवस्था पर फिर से ध्यान देना होगा । खुलेपन पर रोक लगनी होगी तभी लव जिहाद रुकेगा । आजकल हिन्दू लड़के लड़कियां भोंडे डांस करते हैं । हिन्दू लड़के लड़कियां आम शराब पी रहीं हैं अश्लील वीडीओ बना रहे हैं । पहले इसे रोकना होगा । लड़के लड़कियों की शादी जल्द करनी पड़ेगी । केवल मुरसमान समाज को दोष देनें से कुछ नहीं होगा अपने गिरेवान में भी झांकना पड़ेगा । हमारे पूर्वजों में मुगलों ,अंग्रेजों का 1000 साल से मुकाबला किया कभी किसी की जुर्रत नहीं पड़ी हिन्दू लड़कियों को छेड़ने की । 1992 के बाद केवल tv ने घर घर ,अश्लीलता का जहर घोल दिया । लड़के लड़कियों को अपने माता पिता के खिलाफ विद्रोह के लिये उकसाया गया । हमारे शास्त्रों ने 'धर्मो रक्षितः रक्षितः' का उदघोष किया है । अर्थात अगर तुम धर्म की रक्षा करोगे धर्म तुम्हारी रक्षा करेगा । तुमने अपने आप को फिर अपनी औलाद को धर्म विरुद्ध आचरण करने के लिये प्रेरित किया । आज तुम्हारी दुर्गति तुम्हारे सामने है । चंद रुपये की खातिर तुम अपने बेटे बेटियों को अपने शहर से हाज़रों किलोमीटर दूर नोएडा आदि में chop ( नौकरी) करने के लिये भेज देते हो फिर बड़ी शान से बताते हो कि हमारी लड़की तो नोएडा में mnc में chop करती है । वहाँ उसका कोई सहारा नहीं होता जो उसकी तरफ हाथ बढ़ता है वह उसकी तरफ खिंची चली जाती है । अगर कोई ईमान वाला आगे मिल गया तो आपकी लड़की को suit case में पैक करके ही वापिस देगा । हिन्दू समाज अपने लड़के लड़कियों की शादी ही नहीं कर रहा । आजकल 35 40 साल के लड़के लड़कियां आम मिल जाएंगे । अब जब घर वाले ध्यान नहीं देते तो मजबूरन हिन्दू लड़कियों को वो सब करना पड़ता है जो सही नही है । अगर हिन्दू समाज को लव जिहाद आदि से बचना है तो
1. नौकरी के स्थान पर स्वयं के व्यवसाय ,खेती आदि पर ध्यान दें । हो सके तो अपने ख़ानदानी काम को आगे बढ़ाएं ।
2. ठीक उम्र में शादी कर दें
3 .पैसे के स्थान पर अपने परिवार पर ध्यान दें । ध्यान रहे पैसा परिवार के लिये है ,परिवार पैसे के लिये नहीं है ।
4. धर्म विरुद्ध आचरण करना बंद करें ।
शुरुआत अपने घर से करें । चाणक्य ने कहा है सुखस्य मुलः धर्म । अर्थात सुख का मुलः धर्म है । आप धर्म के अनुसार व्यवहार करो आप love jihad आदि की समस्या से अपने आप बच जायोगे
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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