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यह बात अब बिल्कुल शीशे की तरह साफ है कि अमेरिकन मेडिकल माफिया ने क्यो रोना वायरस बनाने के लिये चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को मोटा पैसा दिया था । अमेरिका के dr fauchi पर यह आरोप लग रहा है कि wuhan institute of virology ने मेडिकल माफिया के सरगना dr fauchi के कहने पर लैब पर virus तैयार किया और उसको दुनिया भर में फैलाया । इस सब मे चीनी कम्युनिस्ट , मेडिकल माफिया पूर्णतः दोषी हैं । यह पूंजीवाद और कम्युनिज्म की पुरानी तकनीक है कि पहले कोई समस्या खड़ी करो फिर उसका हल मोटे दामों पर बेचो । who ,पूंजीवादी मेडीकल कंपनियों और चीनी कम्युनिस्म का यह joint venture है । पहले आपको इन्होंने वायरस दिया फिर उसकी वैक्सीन तैयार करके मोटा माल हड़प लिया । ppe kits ,वेंटिलेटर ,रेमड्सवीर ,febi flu ,वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां जमकर पैसा बना रहीं है । अगर आप समझते हैं कि आप बच जाएंगे तो आपकी भूल है । पूंजीवाद और कम्युनिस्म के लिये पैसा ही सब कुछ है । सही विकल्प है सनातन मॉडल । यह पहले आपको बीमार करेंगे फिर वैक्सीन लगाकर विकास का ढोल पीटेंगे । और आप सोचेंगे कि देखो साइंस कितनी तरक्की कर गई । ऐसे नकली विकास , नकली वि
जैसे mineral water में mineral नहीं होते । जैसे amul ताज़ा दूध 5 दिन पुराना होता है । real fruit juice में सब कुछ नकली है । चक्की fresh आटे ने कभी चक्की का मुंह नहीं देखा जीडीपी विकास नहीं विनाश है । B natural में कोई चीज़ natural नहीं । ------ वैसे ही medical science में science का कुछ अता पता नहीं । केवल तीर तुक्कों और decoration के अतिरिक्त कुछ नहीं
मेरा क्यों रोना बीमारी से लड़ने पर प्राप्त अनुभव 1. सबसे पहले मीठा खाना बिल्कुल बन्द करें किसी भी तरह का मीठा चाहे वह फलों में हो चाहे किसी और रूप में बिल्कुल बन्द करना पड़ेगा । चाहे आपको शुगर है या नहीं । शुगर के रोगी अपनी दवा जरूर लें । 2.प्रोटीन आधारित पतली दाल ही उत्तम है । बाकि खट्टे मौसमी फल जो ठंडे बिल्कुल ना हों । 3. आयुर्वेदिक दवाएं जो आपको चाहिए ,कॉरोनिल किट , इसमें तीन दवाइयां है शवसारी वटी यह आपके फेफड़ों को बचा कर रखती है । अणु तेल ऑक्सीजन बढ़ा कर रखता है और वायरस को जो नाक में बैठ कर operate करता है उसका दमन करता रहता है । तीसरा है कॉरोनिल टेबलेट जो शरीर को पुष्ट करता रहता है जिसमे गिलोय ,तुलसी और अश्वगंधा है । 4.एक आपको बहुत जरूरी आयुर्वेदिक दवा चाहिये कंठ सुधार वटी । यह आपके गले को ठीक रखती है । 5. हमेशा गर्म पानी का सेवन करें । 6. धूप और शुद्ध ताज़ी हवा आपके लिये वरदान है । 7 अगर बुखार ना टूट रहा हो तो महासुदर्शन घन वटी उत्तम है।
सनातन को आगे बढ़ाने के लिये आयुर्वेद को आगे बढ़ाना क्यों आवश्यक है । ----------------------- ‌1. अगर आप एलोपैथी का उपयोग करतें हैं । तो आपका विश्वास उस देश की धर्म संस्कृति में होगा । जिस देश यह एलोपैथी आई । क्योंकि एलोपैथी इंग्लैंड की देन है । जब लोग एलोपैथी का सहारा लेतें हैं तो अधिकतर लोग इंग्लिश संस्कृति को सनातन संस्कृति से श्रेष्ठ मानने लगते हैं । यह एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव है । इसीलिए पहले अंग्रेजो ने एलोपैथी को promote किया फिर उनकी मानसिक गुलाम सरकारों ने एलोपैथी को promote किया । जिसके लिए 98% बजट एलोपैथी को देकर प्रश्न आयुर्वेद से पूछे गए । गुरु शिष्य परंपरा से जो असली आयुर्वेदिक वैद्य तैयार होते थे जिनको नाड़ी देखने ,धातु मारने , जड़ी बूटियों का ज्ञान था उन पर झोला छाप कहकर प्रतिबन्ध लगा दिया । इसके स्थान पर BAMS को लया गया जिनको ना संस्कृत का ज्ञान है ,ना धातु का ,ना वात पित्त कफ का ,ना जड़ी बूटियों का । अधिकतर BAMS में एक INFERIORTITY COMPLEX होता है क्योंकि इनकी इच्छा MBBS में एडमिशन लेनें की होती है । जब ADMISSION नहीं मिलती तो यह मजबूरन BAMS में आ जातें हैं । इसलिये अधिकतर