डॉक्टरों की हराम जादगी का इससे पता चलता है कि डॉक्टर हमेशा , बीमार आदमी को और बीमार करने के लिये सड़े हुये मैदे से बनने वाले 5 दिन पुराने ब्रेड़ खाने की, सलाह देता है । कभी हल्दी वाली खिचडी की नहीं । कोई भी डॉक्टर आपको कभी सेंधा नमक प्रयोग करने की सलाह नहीं देगा । शरीर में बहुत अधिक रोग उत्पन्न करने वाले एक विशेष कंपनी के रिफाइंड के प्रयोग की सलाह दी जाती है। अगर कोई व्यक्ति हाई BP ,zuric acid ,survical की समस्या से जूझ रहा है तो डॉक्टर उसको कभी चाय बन्द करने के लिये नहीं कहेगा जो इन सब समस्याओं की माँ है । डॉक्टर कभी आपको फ्रिज के ठंडे पानी को पीने से नहीं रोकता जिससे सिरदर्द ,कब्ज़ आदि की समस्या होती हैं ।
कृपया अपने विवेक का इस्तेमाल करें । डॉक्टर को जिस चीज़ के पैसे नहीं मिलते वह उस चीज़ को कभी प्रमोट नहीं करता।
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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