भारत सारे विश्व में कैसे छाया हुआ है । 1.east इंडीज़ यानि जो भारत के पूर्व में है ( इंडोनेशिया) अपना नाम भारत से प्राप्त करता है । 2.west इंडीज़ यानि जो भारत के पच्छिम में है , वह अपना नाम भारत से प्राप्त करता है 3.हिन्द महासागर ,तीन महासागरों में से एक अपना नाम भारत से प्राप्त करतें हैं। 4.अमेरिका की खोज भारत के कारण ही हुई । अमेरिका के मूल निवासी red indians अपना नाम भारत से प्राप्त करतें हैं । 5. cape of good hope यानि cape town अपना नाम भारत के कारण पाता है क्योंकि स्वेज़ नहर बनाने से पहले जो जहाज cape town तक पहुँच जाता था । उसको भारत पहुँचने की उम्मीद हो जाती थी । इसलिये पहले cape town का नाम cape of good hope कहा जाता था ।
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नवंबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
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खाज खुजली को राष्ट्रीय बीमारी घोषित कर देना चाहिये । अधिकतर खाज खुजली की समस्या की जड़ में है साबुन में पड़ने वाले घटिया तेल ,और हानिकारक रसायन । पिछले दो तीन साल से खाज की समस्या से बहुत परेशान था । पिछले वर्ष तो समस्या इतनी बढ़ गई थी कि रात एक बार खाज शुरू हो जाती तो रुकती ही नहीं थी । खाज के कारण दर्द भी होने लगता था । कुदरती एलोवेरा घिसने से कुछ आराम मिलता फिर वैसे का वैसा । हर दवा प्रयोग करके देख ली कोई बात नहीं बनी । फिर जड़ पर प्रहार करने की सोची । साबुन में प्रयोग होने वाले घटिया तेल और रसायन आपकी त्वचा में से वह रस सोख लेतें हैं जिनकी आपकी त्वचा और हड्डियों को बहुत अधिक आवश्यकता है । इससे छुटकारा पाने के लिये घर में ही साबुन बनाने का विचार मन में कौंधा । कई वीडियो देखकर और प्रयोग कर अंत में साबुन बनाने में सफलता मिल ही गई । सनातन साबुन । 40 ग्राम कॉस्टिक लें इसे 100 ग्राम पानी में घोल कर रख लें लगभग दो घण्टे तक । इस प्रक्रिया में विशेष सावधानी बरतें । उसके बाद 220 ग्राम कोहलू से निकला शुद्ध नारियल का तेल लें । कंपनियों के नारियल का तेल हानिकारक hexane नामक जहर से निकाला जाता है ।
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दोनों का तुलात्मक study के लिए sanatanbharata.blogspot.com पर विजिट करेंground report जो लोग अपना आटा स्वयं पिसवाते हैं वह आजकल गेहूँ में बाजरा ,जों , चने ,ज्वार , कोदरा आदि जैसे मोटे अनाज भी मिलाने लगें हैं । कल कब बाज़ार में से गेहूँ के आटे में यह सब लेनें के लिये गया तो दुकानदार ने यह सब बताया । साथ में 5 kg मक्की भी पिसवा ली । दूसरा लोग अब चीनी के स्थान पर गुड़ , शक्कर और देशी खांड का प्रयोग अधिक कर रहें हैं । यह किरयाने की दुकान पर पता चला । खाने पीने के मामले में slient क्रांति हो रही है । रिफाइन्ड , समुद्री नमक के पैर पूरी तरह से उखाड़ चुकें है । इनके स्थान पर सरसों के शुद्ध तेल और सेंधा नमक का प्रयोग बढ़ रहा है । शहरों में नए नए सनातन प्रोसेसिंग यूनिट्स जैसे अट्टा चक्की , तेल निकालने के कोहलू आदि बड़े पैमाने खुल रहें हैं । अगली क्रांति थैली वाले बासी दूध के स्थान पर ताज़ा दूध , कंपनियों के बासी दही ,मक्खन के स्थान पर ताज़ा दही मक्खन ,पनीर और घटिया ready made देशी घी के स्थान पर मक्खन से तैयार देशी घी के क्षेत्र में होगी । रोज़गार , स्वास्थ्य , प्लास्टिक के प्रदूषण रोकने के लि