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 समाज के नैतिक पतन ,चरित्र हीनता , प्रदूषण , धन और शक्तियों की कुछ लोगों तक पहुँच ,परिवार व्यवस्था के अवसान के बाद कुछ आशा की किरण अमेरिका से आ रही है ।  वह अमेरिका जिसकी परिवार व्यवस्था पूरी तरह उजड़ चुकी है ,जिसके आम जन की सेविंग सरकार ने बड़े कॉरपोरेट तक पहुँचा दी है ,और आम जन पर कर्ज है , जिसके छोटे छोटे बच्चों को गोलियों से हर दूसरे तीसरे दिन भून दिया जाता है , उस अमेरिका के त्रस्त हो चुकी जनता अपने को सरकारी चंगुल से बचाने के लिये । Localization की movement चला रही है ,  grow your own food की मूवमेंट वहाँ पर चल रही है ,  कम से कम उपभोग की movement अमेरिका में चल रही है । Feminism की खिलाफ वहाँ पर tradional family system की मूवमेंट चल रही है जिसमे पत्नी घर संभालती है और पति कमा कर लाता है ।  Ameber herad की हार अमेरिका में फेमिनिस्म की हार के रूप में देखी जा रही है । amber heard अमेरिका की ज्यूरी सिस्टम के कारण हार गई ।। अमेरिका के कई राज्यों में भूर्ण हत्या को पूर्णतय बन्द कर दिया गया है । यह नारी मुक्ति आंदोलन चलाने वालों पर व्रज पात है । दूसरी तरह जिस देश मे भूर्ण हत्या को पाप कह
 1.संविधान में मुस्लिम personal law शरीया कानून ही है ।  2.संविधान केवल हिन्दू धर्म के कानूनों को मानने से इंकार करता है । ऐसा इसलिये किया गया है तांकि हिन्दू परिवार व्यवस्था का समूल नाश किया जा सके ।  3.संविधान मुस्लिम समाज ,मदरसों और मुस्लिम पुरषों का कोई अधिकार नहीं छिनता । जबकि संविधान हिन्दू समाज ,गुरुकुलों और हिन्दू पुरूषों के पास कोई अधिकार तक नहीं छोड़ता । यहाँ तक कि हिन्दू विवाह पद्धित से किये गए विवाह 2014 के बाद पूर्णतयः illegal हैं । हिंदुओं को  sdm के सामने खड़ा होकर विवाह करवाना पड़ेगा ।  4. संविधान मदरसों को मान्यता देता है जबकि गुरुकुलों को नहीं । right to education act के तहत हिन्दू शिक्षा संस्थान में अल्पसंख्यक होने जरूरी हैं । जबकि मुस्लिम समाज अपनी शिक्षा संस्थान चला सकता है ।  5. हिन्दू महिलाओं की शादी की आयु 21 वर्ष कर दी गई है तांकि हिन्दुओ की जनसंख्या कम हो सके । जबकि यह शर्त मुस्लिम निकाह व्यवस्था पर लागू नहीं होती । अगर निकाह हो रहा है तो कन्या चाहे मुस्लिम हो या हिन्दू ,21 वर्ष का कानून लागु नहीं होता । जब कन्या के private part पर बाल आ जाएं वह शरिया कानून के तह
 सनातन मंदिरों के पांच अंग होतें हैं 1.देवता की मूर्ति  2. गुरुकुल  3.गोशाला  4. यज्ञशाला  5. पाकशाला  सरकार जिन मन्दिरों को लूट रही हैं उनमें अधिकतर में केवल मूर्ति को छोड़कर बाकि चारों समाप्त कर दिए क्योकि मूर्ति से आमदनी होती है और बाकि चारों खर्चे का घर हैं । सरकार ने बड़े मंदिरों को अपने नियंत्रण में लेकर सनातन व्यवस्था को तबाह कर दिया ।  मन्दिरों द्वारा संचालित इन गुरुकुलों में पढ़े छात्र हिन्दू समाज को सही मार्गदर्शन करते थे । जिनका स्थान अब पाखंडी धर्म गुरुओं ने ले लिया है । आजकल के अधिकांश हिन्दू धर्म गुरुओं ने धर्म की कोई पढ़ाई नहीं की है । गुरुकुलों के बन्द होने से देशी विदेशी सरकारों , मत सम्प्रदायों ने सनातन धर्म में अपने एजेंट बैठा दिये हैं । इसीलिए यह नकली धर्मगुरु हिंदुओं की जड़ें काटने में लगे हुए हैं ।  जिस प्रकार अगर सरकार MBBS की पढ़ाई बन्द करवा दे तो वैक्यूम भरने के लिये नकली MBBS आ जाएंगे और एलोपैथी का सत्यानाश कर देंगे । उसी तरह  गुरुकुलों से धर्म की शिक्षा प्राप्त किये बिना यह नकली धर्मगुरु सनातन को पूरी तरह तहस नहस करके छोड़ेंगे । कभी आपने सोचा है कि मुस्लिम समाज भी इ
 शन्तिदूतों के मदरसों को टारगेट नहीं किया गया इसलिए उनको सही मार्गदर्शन मिलता है  जबकि हमारे गुरुकुल सरकार ने नष्ट कर दिए इसलिये हिन्दू समाज को सही मार्गदर्शन नहीं मिल रहा इसलिये हिन्दू समाज कभी सरकार के आगे खड़ा नहीं होता । और सरकार को ही अपना रक्षक समझता है जबकि सरकार हिंदुओं की जड़ें काट चुकी है ।  सरकार ने हिंदुओं के गुरुकुलों , हिन्दू समाज व्यवस्था ,हिन्दू परिवार व्यवस्था को नष्ट कर दिया है ,अलग अलग कानून ,षड्यंत्र रच कर । हिन्दू समाज इस समय इतना कमजोर है कि अपने पैरों पर खड़ा ही नहीं हो सकता । विदेशी मतों से लड़ना तो दूर की बात ।    पहले अपना किला (गुरुकुलों ,समाज परिवार व्यवस्था)  को मजबूत करो तभी विदेशी मतों का मुकाबला कर पाओगे ।  गुरुकुलों के लिये temple endowment act से चंगुल से मन्दिरों को मुक्त करवाना होगा । तांकि मंदिरों का पैसा गुरुकुलों पर लग सके । सरकारी लूट में नहीं । समाज व्यवस्था को मजबूत करने के लिये छोटे मोटे झगड़े सुलझाने का अधिकार पंचायतो , शहरों में वार्ड wise न्यायिक समिति के पास होना चाहिये।  जज के साथ समाज की चुनी हुई जूरी बैठनी चाहिये । इससे हिन्दू समाज के पास शक
 हमारे शहर में राजस्थान के हिन्दू भाई सनातन कुल्फी की चलती फिरती दुकानें चला रहें हैं । इन्होंने अमूल ,vadilal , बसन्त की ice creame की मंजी ठोक रखी है ।  ताज़ी स्वादिष्ट कुल्फी वह भी बिना केमिकल्स के । पूर्ण साफ सफाई , चमचमाती दुकान ।  यहाँ एक और कंपनियों की ice cream महीनों पुरानी होती है और उनको खराब होने से बचाने के लिये यह भयंकर किस्म का केमिकल भी डालतें है । इन बड़ी कंपनियों की कुल्फी खाकर गले में खारिश उतपन्न होनें लगती है । केमिकल की निशानी है कि आपको बार बार पानी पीना पड़ेगा ,अगर आप एक बार इन बड़ी कंपनियों की कुल्फी खाते हो ।  दूसरी तरफ यह सनातनी भाईयों की कुल्फी बहुत स्वादिष्ट होती है और सेहतमंद भी । खास कर इसको खाने के बाद गले में खारिश नहीं उत्पन्न होती । सरकार को इन बड़ी कंपनियों के उत्पादों पर भयंकर tax ठोकना चाहिये खासतौर पर उन उत्पादों पर जिनको स्थानीय स्तर पर बनाया जा सकता हो । बड़ी कंपनियों पर टैक्स अधिक लेनें का एक कारण और भी है क्योंकि इनके उत्पाद बिना प्लास्टिक के नहीं आते और जो गन्द इस प्लास्टिक के कारण पड़ता है उसको साफ करने के लिये सरकार को बहुत खर्च करना पड़ता है  । उद
 इस वर्ष संघ की प्रतिनिधि सभा ने एक प्रस्ताव पास किया है जिसमें संघ ने सनातन आर्थिक मॉडल (भारतीय आर्थिक प्रतिमान ) को लागू करने के लिये सरकार से मांग की है जिसमें आरएसएस ने 1434 उत्पाद कुटीर उद्योगों के आरक्षित करने की मांग की है ।  इस विषय पर चर्चा के दौरान हमने प्रथम चरण में  केवल रसोई में उपयोग होने वाले आटे ,बेसन ,मक्की का आटा , हल्दी नमक मिर्च मसाले ,सरसों के तेल , देशी घी ,मक्खन पनीर ,दही आदि केवल कुटीर उद्योगों के लिये आरक्षित करने की मांग की थी ।  सरकार ने कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये केवल पैकेटबंद रेडीमेड food products पर gst लगाया है । जिससे कंपनियों के उत्पाद महंगे हो जाएंगे । जिससे कुटीर उद्योगों को लाभ होगा ।  उदहारण के लिए  1. अगर आप गेंहू लेकर अपना ताज़ा ,शुद्ध आटा पिसवाते हैं तो यह taxfree है ।लेकिन अगर दो तीन महीने पुराना मिलावटी आटा जिसको कीडो से बचाने के लिये एक हानिकारक केमिकल डाला जाता है वह खरीदते हो उस पर tax लगा दिया गया है ।  2. अगर आप अपनी सरसों लेकर शुद्ध सरसों का तेल निकाल कर खाते हो और अपने heart को attack से बचाते हो तो यह taxfree है । लेकिन अगर आप
 सरकारी मानकी करण सरकार की की एक एजेंसी fassai करती है जो रिश्वत लेकर किसी को भी fassai का सर्टिफिकेट दे देती है । आप fassai के प्रमाणित हज़ारो उत्पाद मिलावटी मिल जाएंगे । दूसरा सरकार कानून बनाकर मिलावट को legal कर देती है । उदहारण के रूप में घटिया पाम oil , सरसो के तेल में मिलना legal है । आटे , packaged fruit जूस में chemical , पानी चीनी ,artifical flavours मिलना legal है। कभी सरकार द्वारा certified आवंले के तेल की बोतल घुमा कर पढ़ लें बहुत बारीक शब्दों में लिखा होता है कि इसमें mineral oil है आँवले का नाम  बदनाम करने के लिये ही इसका तेल का नाम आँवले का तेल रखा गया है ।  सरकार सर्टिफिकेट युक्त कुछ उत्पादों का हाल देख लो आपको सरकारी certificate की सच्चाई सामने आ जायेगी । 1. पांच दिन पुराना दूध नाम है ताज़ा 2. जिस जूस 85% नकली flavours है नाम है real  2. जिस fruit juice में कुछ natural नहीं है नाम है B Natural  3. कई महीने पुराना अट्टा जिसने कभी चक्की का मुंह नही देखा हो नाम है चक्की फ्रेश अट्टा  5. जिस water में से सारे mineral निकाल लिए गए हों उसका नाम है mineral water  दूसरी तरफ कुटीर
 जिन लोगों के शरीर में कहीं दर्द रहता है और skin की समस्या उनके लिये तारामीरा का तेल रामबाण है । पिछले एक वर्ष से मुझे forzen shoulder की समस्या थी । तारे मीरे के तेल ने उसको काफी हद तक समाप्त कर दिया । तारा मीरा ,सरसों की एक किस्म है । इसका तेल थोड़ा सा कड़वा होता है । लेकिन इसकी कड़वाहट कम करने के लिये यह करना चाहिये ।जब तड़के के लिये इसको कड़ाही में डालते हो तो जब यह धुंआ छोड़ने लगे तो इसमें दो बूंद पानी की डाल दें । यह प्रक्रिया सावधानी पूर्वक करनी है । इससे तेल कट जाएगा । जब refind का जहर विकास के नाम पर भारत मे प्रयोग नहीं होता था तो हलवाई सरसों के तेल को इसी प्रक्रिया से काटते थे । शुद्ध तारे मीरे का तेल आपकी आंखों के सामने निकला हो । क्योंकि कंपनियों के केमिकल युक्त तेल से कुछ हासिल नहीं होगा
 Apple साइडर विनेगर यानि सेब का सिरका वह जादुई दवा है जिसने मेरा मधुमेह नियंत्रित कर दिया । लेकिन यह कारगर तभी होगा अगर आप इसे घर पर बनाएंगे  । इसके बनाने की प्रक्रिया में ही मधुमेह का इलाज छिपा हुआ है । बनाने की विधि तीन सेब ले । चार चार टुकड़ों काट लें । बीच वाले बीज़ बगैरा फेंक दें । किसी कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन में पानी डाल कर कटे हुए सेब डाल दें । तीन चमच देशी खांड के डाल दें । इसको सूती कपड़े से ढक दें तांकि हवा आरपार हो सके । एक दूसरे तीसरे दिन इसको लकड़ी की डंडी से हिलातें रहें । ध्यान दें कि धातु सम्पर्क में ना आये । इस बर्तन को अंधेरे वाले स्थान पर रखें । एक महीने बाद सूती कपड़े से छान कर कांच की बोतल में भर लें ऊपर से ढक्कन बन्द कर दें । दो महीने ऐसे ही पड़ा रहने दें ।  कुल तीन महीने बाद बैक्टेरिया इसकी सारी शुगर को खा कर बिल्कुल खट्टा कर देगा । यही प्रक्रिया शरीर में भी होती है । यह शरीर में extra कार्बोहाइड्रेट को खा जाता है । और आपका मधुमेह नियंत्रित हो सकता है । लेना कैसे है , रात को खाना खाने के बाद 5 ml ,10 ml ,20 ml ले सकतें हैं पानी में मिलाकर । इसकी मात्रा आपको खुद स
 गुरुकुल शिक्षा प्रणाली से निकले हुए छात्र ही धर्म गुरु बन कर हिंदुओं को सही दिशा दे सकतें हैं । हिन्दुओ को दिशा देने वाली गुरुकुल प्रणाली को तीन तरह से नष्ट किया गया  1. अंग्रेजों द्वारा गुरुकुलों को जबरन बन्द करवा कर ।  2. बड़े मन्दिरों को temple endowement act बना कर सरकार द्वारा हिंदुओं का धन लूट लिया जाता है । पहले इस धन से गुरुकुलों की व्यवस्था हो जाती थी ।यह व्यवस्था आज भी चल रही  है । 3. गुरुकुलों को aided school में बदल कर । यह तकनीक  आज़ादी के बाद implement हुई है । गुरुकुल समाप्त होने से हिन्दू समाज को मार्गदर्शन मिलना बंद हो गया और हिन्दू समाज के धर्म गुरु ,ओशो , निर्मल बाबा ,ब्रह्मकुमारी आदि जैसे बन गए । मजेदार बात यह है कि मदरसों के खिलाफ कोई साजिश नहीं हुई इसलिये मुस्लिम समाज का मार्गदर्शन करने के लिये मुल्ले मौलवी मिलते रहे । हिंदुओं की धर्म संस्था को सरकार द्वारा भृष्ट किया गया तांकि हिन्दू समाज का विनाश हो और हिन्दू सीधा सरकार और कंपनियों के नियंत्रण में आ जाएं ।जब तक गुरुकुलों से निकले हुए छात्र समाज का सही मार्गदर्शन नहीं करेंगे हिन्दू नहीं सुधरेगा ।
 हिंदुओं  मजबूरी है हिंदुओं का समाज सरकार द्वारा कमजोर बना दिया गया है ।जिसके  कारण यह हिन्दू व्यक्ति विशेष में अपना रक्षक ढूंढ लेतें हैं 4 खुद शुतर्मुर्ग की तरह सिर रेत में डाल लेतें हैं । अगर वह रक्षक कोई गलती करता है तो उसे कोसने की बजाय यह उस व्यक्ति विशेष को डिफेंड करने लगतें हैं । पहले यह गांधी नेहरू को अपना रक्षक मानते रहे । फिर कांग्रेस को और अब मोदी को ।  मुसलमान इसके विपरीत किसी व्यक्ति विशेष पर निर्भर नहीं हैं क्योंकि उनका समाज मजबूत है । उनका समाज इसलिए मजबूत है क्योंकि उनके मदरसों , समाज और परिवार तोड़ने की किसी सरकार ने कोशिश नहीं की । इसलिए मुसलमान अपने लीडर के सहारे नहीं अपने समाज ,मदरसों के सहारे मजबूत हैं । एक बार शाहबानों के केस में सरकार ने मुस्लिम समाज के अधिकार छीनने का प्रयास किया था । मुस्लिम समाज उठ खड़ा हुआ था । दुसरी तरफ सरकार ने हिन्दुओ के विवाह तक को illegal कर दिया है  । हिंदुओं के देवी देवताओं ,फेरों , समाज की कोई वैल्यू नहीं केवल एक सरकारी मुलाजिम sdm के कागज़ की वैल्यू रह गई है ।
 आधुनिक शादियां केवल मूवी बनाने के लिये की जाती हैं जिसमें अश्लीलता ,फुहड़ता ,सनातन का मजाक ,शराब , अंग प्रदर्शन , लचरता का तड़का लगाकर परोसा जाता है । इसीलिए यह  temporary किस्म का अजीब सा गठजोड़ है जिसमें पार्टियां कुछ समय का मौज मेला कर किसी और के साथ चल देतीं हैं ।बच्चे बुजुर्ग ,रसोई , जिम्मेदारी इनको बोझ लगती हैं । पहले विवाह का उद्देश्य परिवार बसाना ,बंश बढ़ाना ,माता पिता की सेवा करना था । अब यह केवल sex , शराब ,अश्लीलता और धोखाधड़ी का उपक्रम मात्र बन कर रह गया है । बड़े शहरों में तलाक की दर 80% से ऊपर है छोटे शहरों में यह दर 60% है । और मजे की बात यह है इस लचरता को आज़ादी , नारी मुक्ति , feminisim नामक शब्दों से नवाजा जा रहा है । अब इस मार्केट से तैयार औरतों और पुरुषों को धीरे धीरे कोठों तक पहुँचा दिया जाएगा । इस दिशा में सुप्रीम कोठे ने सरकार के साथ मिलकर वेश्यावृत्ति को कानूनी और विवाह को गैर कानूनी करार दे दिया है  । श्रीमती दवेंद्र फडणवीस ने औरतों को सेक्स बाजार की तरफ धकेलने के लिये मुहिम शुरू कर दी है । जल्द ही वेश्यावृत्ति करने वाली महिलाओं को पवित्रता की मूर्ति घोषित कर दिया जा
 1. सुप्रीम कोर्ट में एक तो सुप्रीम और सर्वोच्च शब्द को हटाने पर संसद को विचार करना चाहिए । इस शब्द के कारण जज अपने को खुदा से ऊपर समझने लगे हैं ।  2. अमेरिका की तरह भारत में भी jury system को लागू करना चाहिये जिसमें स्थानीय स्तर के अच्छी ख्याति प्राप्त लोग शामिल होते हैं । इससे फैसले जल्दी त्वरित और बिना रिश्वत के हो सकतें हैं। 3. हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति सैशन कोरट के जजों की परीक्षा के आधार पर होनी चाहिए । अभी तक हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के नियुक्ति का आधार केवल और केवल भाई भतीजा बाद है । 4. नए कानून बनाने का अधिकार केवल संसद को होना चाहिए । अगर कोई जज संसद के इस अधिकार की उल्लंघना करता तो उस पर तुरंत महाभियोग लाना चाहिये ।  5. जजों को हटाने की प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिये । इनकी जमीन जायदाद पर लगातार निगरानी रखनी चाहिये । 6. जजों की छुटियों में कटौती की जानी चाहिए और इनकी lavish life पर भी अंकुश रखना चाहिये । 7.छोटे मुकदमे पंचायतो को दे देनें चाहिये । हर वार्ड स्तर पर पंचायत का गठन होना चाहिये  | 95% व्यर्थ की मुकदमेबाजी पंचायत से समाप्त हो जाएगी अगर
 अधिकतर तलाकशुदा महिलाओं का जीवन बेहद नर्कमय होता है । घटिया लोग उनका जमकर दुरुपयोग करतें हैं । तलाक महिलाओं के जीवन में बहुत destructive बदलाव लेकर आता है इसलिये महिलाओं को अपने परिवार को नष्ट करने से पहले बहुत अधिक विचार करना चाहिये । तलाक शुदा पुरुष भी बहुत अधिक अवसाद का शिकार होते हैं । लेकिन पुरुषों के पास धर्म ,समाज और देश के लिये काम करने अधिक अवसर होतें हैं । इसलिये वह अवसाद का शिकार होने से बच जातें हैं । जो लोग इस समय परिवार व्यवस्था में विघटन के चलते मानसिक अवसाद का शिकार हो रहें हैं उन्हें धर्म की शरण में जाना चाहिए क्योंकि शास्त्रों के अनुसार धर्मों रक्षितः रक्षितः । जो धर्म की रक्षा करता है धर्म उसकी रक्षा करता है । बच्चों और स्वयं को मानसिक अवसाद से बचाने के लिये एक दिन में कम से कम दो घण्टे देश ,समाज धर्म के काम में लगाएं इससे ही आपका प्रारब्ध में कुछ credit add हो सकता है । iskon ,नित्य संघ शाखा , गौसेवा , भजन  , वृक्षारोपण ,स्वदेशी ,सँस्कृत समाज को सही दिशा देने वाले लेख आदि कुछ काम हैं जो आप कर सकतें हैं ।