कई बार देखा गया है कि कई हिन्दू संस्कृति के वाहक हिन्दू history के स्थान पर हिन्दू mythology शब्द का प्रयोग करतें हैं । जो कि सर्वथा अनुचित है ।mythology का अर्थ है झूठ के आधार पर तैयार की गई कहानियां । अगर आप ही अपने इतिहास को myth कहने लगे तो आपके विरोधी तो इस बात का लाभ उठाएंगे ही । अगर सामने वाला कोई कम्युनिस्ट ,ईसाई ,मुसलमान इस बात को कहे कि राम कृष्ण काल्पनिक हैं तो बाजए सफाई देनें के कार्ल मार्क्स आदि को काल्पनिक कहो । वह अपने आप back foot पर आ जायेगा ।
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नमस्कार मित्रो आज हम चर्चा करेंगें पूंजीवादी कर्ज़े की अर्थव्यवस्था और सनातन बचत अधारित अर्थव्यवस्था के बारे में ।हम चर्चा करेंगे कि कैसे पूंजीवादी कर्ज़ आधारित अर्थव्यवस्था के मॉडल के कारण आप पर कर्ज और महंगाई हर वर्ष बढ़ती ही जा रही है । हम चर्चा करेंगे कि कैसे सरकार सनातन अर्थव्यवस्था के मॉडल को अपनाकर सारी प्रजा का कर्ज उतार सकती है ,मंहगाई को नियंत्रित कर सकती है ,बेरोजगारी का खात्मा कर सकती है , देश को आत्मनिर्भर बना सकती है , आम जनता की भलाई के लिये बिना अतिरिक्त टैक्स लगाए पैसे एकत्र कर सकती है । सबसे पहले हम पूंजीवादी कर्ज़े अधारित अर्थव्यवस्था के मॉडल में जान लेते हैं । सबसे पहले हम यह जानने का प्रयास करतें हैं कि बैंकिंग प्रणाली कैसे रिज़र्व फाइनेंसिंग के माध्यम से मुद्रा छापती है । इसको सीधा एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं । मान लो आपके पास 10 लाख रुपये हैं तो आप अधिक से अधिक 10 लाख रुपया ही किसी को कर्ज दे सकते हो इसके अतिरिक्त आप एक रुपया अधिक कर्ज़ किसी को दे नहीं सकते । भारत में इस समय लगभग 20 लाख करोड़ रुपये के CURRENCY NOTES सरकार (RBI) ने PRINT किये हुए हैं । इनमें से
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पूंजीवादी और कम्युनिस्ट अर्थव्यवस्था का मॉडल आप पर किस प्रकार कर्ज़े चढ़ा रहा है ? ------------ 1मान लो 1-1-2008 में जमीन का रेट है 2 लाख रुपये प्रति बीघा । अब होता क्या है कि एक कंपनी है alok industries । यह कंपनी अपने शेयर गिरवीं रख कर एक सरकारी बैंक से 29500 करोड़ रुपये कर्ज़े ले लेती है । अब alok industries इन 29500करोड़ रुपये जमीन में invest कर देती है । अब जमीन का भाव 8 लाख रुपये प्रति बीघा हो जाता है क्योंकि सारी जमीन एक कंपनी के पास hord कर ली गई है । अब आपको खेती के लिये 4 बीघा जमीन चाहिये ।आपके पिता जी ने बरसों की मेहनत से आपके लिये 8 लाख रुपये बचा रखें हैं। यह 8 लाख रुपये लेकर आप एक दलाल के पास लेकर जातें हैं और उससे कहते हैं कि यह 8 लाख रुपये लेकर मुझे 4 बीघा दिलवा दो । दलाल कहता है कि अब जमीन का रेट बढ़कर 8 लाख रुपये हो गया है । इसलिए आपको 32 लाख रुपये का इंतजाम करना पड़ेगा । आपको अब यह जमीन काम करने के लिए चाहिये ही चाहिये । इसके लिये आप एक सरकारी बैंक में सम्पर्क करतें हैं जो आपको 24 लाख का loan दे देता है । अब आप अपनी saving के 8 लाख और 24 लाख रुपये का loan करवा कर कुल 32 लाख
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क्या आप जानते हैं कि बाजार में पिसा हुआ काला नमक असल मे काला नमक नहीं होता ? ------------ वास्तव में काला नमक एक आयुर्वेदिक औषधि है । जिसको हम उन चीजों में डालतें हैं जिनको पकाते नहीं । जैसे फलों के रस , स्लाद , दही ,लस्सी आदि । शुद्ध काले नमक में काले नमक का डला , भूना हुआ जीरा , सेंधा नमक , काली मिर्च ,अमचूर आदि औषधियां पड़ती हैं । काले नमक के डले को कैसे तैयार किया जाता है ? इसके लिये सफेद नमक को घड़े में डालकर उसमें आँवले का पानी डाला जाता है जब तक उसका रंग काला नहीं हो जाता । इसमें से पानी घड़े के छिद्रों से उड़ता रहता है और काफी मेहनत के बाद काले नमक का डला मिल जाता है । यह पंसारी की दुकान पर आसानी से मिल जाता है । शुद्ध नमक आपको बाजार से कभी पिसा हुआ नही मिल सकता क्योंकि इसमें पड़ने वाली काली मिर्च 500 रुपये किलो है । काले नमक के डले का भाव 60 रुपये किलो पड़ता है । अगर आप काले नमक का सचमुच taste करना चाहतें है तो आपको इसे घर पर तैयार करना पड़ेगा । अगर आप समझतें हैं कि आपको पिसा पिसवाया नमक branded या non ब्रांडेड शुद्ध मिल जाएगा तो आप मूर्खों की दुनिया में रहते हैं ।
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social media और आयातित लोकतंत्र ने इतने शक्तिशाली देश अमेरिका को बांट कर रख दिया है । अमेरिका में गृह युद्ध अभी नहीं तो एक दो साल में निश्चित ही है । social media और आयातीत लोकतंत्र ने समाज में नफ़रत के बीज बो दिये हैं । अमेरिका की परिस्थिति भारत से कहीं बेहतर है । भारत की दोनों सीमाओं पर दुश्मन बैठा है । अमेरिका के दोनों पड़ोसी उसके शत्रु नहीं हैं । nation state की अवधारणा के लिये यह आवश्यक है कि information system और education system सरकार के नियंत्रण में रहे और देश के लोगों की सोच को सरकार के दिशा निर्देश में एक direction में हाँका जाए । social मीडिया ने इस information system पर सरकार का नियंत्रण समाप्त कर दिया है और लोगों की सोच अब सरकार के नियंत्रण से बाहर हो गई है । social मीडिया के आने के बाद समाज का एक तबका जिसे हीरो मानता है दूसरा उसे विलेन मानता है । जैसे भारत मे जब तक सोशल मीडिया नहीं आया था तब तक देश के अधिकतर लोग औरंगजेब को नफरत करते थे । लेकिन अब सोशल मीडिया के आने के बाद औरंगजेब भारत सरकार के विशेष समुदाय का हीरो है औऱ हिन्दू उसे विलेन मानते हैं । दूसरा सोशल मीडिया के आ