सरकारी मानकी करण सरकार की की एक एजेंसी fassai करती है जो रिश्वत लेकर किसी को भी fassai का सर्टिफिकेट दे देती है । आप fassai के प्रमाणित हज़ारो उत्पाद मिलावटी मिल जाएंगे । दूसरा सरकार कानून बनाकर मिलावट को legal कर देती है । उदहारण के रूप में घटिया पाम oil , सरसो के तेल में मिलना legal है । आटे , packaged fruit जूस में chemical , पानी चीनी ,artifical flavours मिलना legal है। कभी सरकार द्वारा certified आवंले के तेल की बोतल घुमा कर पढ़ लें बहुत बारीक शब्दों में लिखा होता है कि इसमें mineral oil है आँवले का नाम बदनाम करने के लिये ही इसका तेल का नाम आँवले का तेल रखा गया है ।
सरकार सर्टिफिकेट युक्त कुछ उत्पादों का हाल देख लो आपको सरकारी certificate की सच्चाई सामने आ जायेगी ।
1. पांच दिन पुराना दूध नाम है ताज़ा
2. जिस जूस 85% नकली flavours है नाम है real
2. जिस fruit juice में कुछ natural नहीं है नाम है B Natural
3. कई महीने पुराना अट्टा जिसने कभी चक्की का मुंह नही देखा हो नाम है चक्की फ्रेश अट्टा
5. जिस water में से सारे mineral निकाल लिए गए हों उसका नाम है mineral water
दूसरी तरफ कुटीर उद्योग जिसको हम सनातन अर्थव्यवस्था कहतें हैं उसका certification स्थानीय समाज करता है वह भी निःशुल्क और बिना रिश्वत के । और हर रोज़ यह certificate renew होता है । इसका उदहारण है ।
फलाने का देशी घी बहुत बढ़िया है ।
फलाना कोहलू वाले के यहां आज पाम आयल उतरा है यह दुकान बंद कर पाम आयल मिलाते है।
आजकल उस हलवाई की पूरियों में वह बात नहीं जो एक महीने पहले थी क्योंकि उसका अमुक कारीगर अपने गांव गया हुआ है ।
क्योकि सनातन अर्थव्यवस्था में सब समान आपकी आँखों के सामने बनता है या सनातन समाज के सामने बनता है इसलिये आप उसको किसी भी समय raid मार कर चेक कर सकते हो । लेकिन क्या बड़े उद्योग आपको यह चेक करने देतें हैं कि उनके यहां क्या वन रहा है ।
1. कुल्हाड पर गुड़ ,देशी खांड आदि आपके सामने निकाला जाता है और आप किसी भी समय उसको check कर सकतें है प्रश्न पूछ सकतें है । क्या चीनी मिल में चीनी आपके सामने बनती है ।
2.ढाबे में खाना दुकान के सामने बनता है और होटल में बंद कमरे में ।
3. आटा चक्की पर आटा आपके सामने निकलता है लेकिन क्या यह पैकेटबंद आटे के केस में सम्भव है।
4.ताज़े जूस की दुकान पर आप गिध्द की तरह देखते रहते हो कि इसमें पानी ना मिला दे या अन्नानास ना मिला दे । जबकि पैकेटबंद फ्रूट जूस के पैकेट पर ही छोटे छोटे अक्षरों में लिखा होता है कि इसमें 85% पानी ,चीनी और atifical flavours हैं ।
हमारे यहाँ एक बड़ी रिफाइण्ड की मिल है वह अपना तेल खुद नहीं इस्तेमाल करते जो सरकारी सर्टिफिकेट fassai द्वारा प्रमाणित है एक कोहलू से गुपचुप तरीके से नौकर भेज कर निकलवातें है ।
बाकि कोई बड़े शहर में यह सब संभव ना होने का तर्क ना चेंपें क्योंकि बड़ा शहर तो खुद एक समस्या है और समस्या का अंबार है ।
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