अधिकतर तलाकशुदा महिलाओं का जीवन बेहद नर्कमय होता है । घटिया लोग उनका जमकर दुरुपयोग करतें हैं । तलाक महिलाओं के जीवन में बहुत destructive बदलाव लेकर आता है इसलिये महिलाओं को अपने परिवार को नष्ट करने से पहले बहुत अधिक विचार करना चाहिये । तलाक शुदा पुरुष भी बहुत अधिक अवसाद का शिकार होते हैं । लेकिन पुरुषों के पास धर्म ,समाज और देश के लिये काम करने अधिक अवसर होतें हैं । इसलिये वह अवसाद का शिकार होने से बच जातें हैं । जो लोग इस समय परिवार व्यवस्था में विघटन के चलते मानसिक अवसाद का शिकार हो रहें हैं उन्हें धर्म की शरण में जाना चाहिए क्योंकि शास्त्रों के अनुसार धर्मों रक्षितः रक्षितः । जो धर्म की रक्षा करता है धर्म उसकी रक्षा करता है । बच्चों और स्वयं को मानसिक अवसाद से बचाने के लिये एक दिन में कम से कम दो घण्टे देश ,समाज धर्म के काम में लगाएं इससे ही आपका प्रारब्ध में कुछ credit add हो सकता है । iskon ,नित्य संघ शाखा , गौसेवा , भजन  , वृक्षारोपण ,स्वदेशी ,सँस्कृत समाज को सही दिशा देने वाले लेख आदि कुछ काम हैं जो आप कर सकतें हैं ।

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