-चलो कान पकड़ो (कान की लौ earlobe) और उठक बैठक लगाओ" 

यह सज़ा मास्टरजी क्यों देते है ,

ये शायद उन्हें खुद भी नहीं मालुम होगा. 

आपको ये जानकर हैरानी होगी की ये सज़ा भारत में प्राचीन गुरुकुल-शिक्षा पद्धति के समय से चली आ रही है.


तब यह सिर्फ उन बच्चों की दी जाती थी जो पढाई में कमज़ोर थे. 

पर अब हर किसी बच्चे को किसी भी गलती के लिए दे देते है ; क्योंकि उन्हें इसके पीछे का विज्ञान नहीं पता.


हाथ क्रॉस कर कान पकड़ने की मुद्रा ब्रेन के मेमोरी सेल्स की ओर रक्त संचालन में वृद्धि करती है.


साथ ही यह ब्रेन के दाए और बाए हिस्से में संतुलन स्थापित कर ब्रेन के कार्य को और बेहतर बनाती है.

यह मुद्रा चंचल वृत्ति को शांत भी करती है.कान में मौजूद एक्युप्रेशर के बिंदु नर्व्ज़ के कार्य को सुचारू बनाते है और बुद्धि का विकास करते है. 

यह मुद्रा ऑटिज्म , एसपर्जर सिंड्रोम , लर्निंग डिसेबिलिटी , बिहेवियर प्रॉब्लम में भी मदद करती है.

इसे कई बीमारियों में भी करने का परामर्श दिया जा रहा है.


 बच्चों का नैतिक पतन रोकने के लिए शिक्षकों और अभिवावकों के हाथ में दण्ड लेनें शक्ति होना नितांत आवश्यक है । पूंजीवाद और कम्युनिस्ट व्यवस्था क्योंकि समाज का नैतिक पतन करवा कर व्यक्तियों पर नियंत्रण करता है । इसलिए सरकार दण्ड देने की शक्ति परिवार और शिक्षकों से छीन लेती है। उल्टा सरकार बच्चों की एक फोन कॉल पर माता पिता और शिक्षक को जेल में डाल देती है। इस एक कानून से पश्चिम में बच्चे चाहे शराब पिएं या , छोटी उम्र में सेक्स करें ,माता पिता उनको कानून के दर के मारे रोकते नहीं हैं । इससे अमेरिका यूरोप में बच्चों का नैतिक पतन होने से यूरोप और अमेरिका की सारी आबादी पोर्न ,शराब और सेक्स के चक्कर में पड़ कर अपनी परिवार व्यवस्था से हाथ धो बैठी । भारत में भी कांग्रेस ने जान बूझकर शिक्षिको का हाथ से दंड देने की शक्ति छीन ली हैं बाकि हिंदू आबादी तो है ही मूर्ख । मुसलमान  मदरसों में आज भी शिक्षक छात्रों को दंड देते हैं इसलिए मुस्लिम समाज में नैतिक पतन रुका हुआ है । बाकि रहा सहा काम बॉलीवुड के गटर ने किया है । पहले हिंदू माता पिता पढ़ाई की उम्र में इश्क लड़ाने पर जबरदस्त दंड देते थे । हमारे यहां कहावत है कि मुंडा और  डंडा दंड देने से ही सीधे रहते हैं । लेकिन बॉलीवुड का गटर कहता है कि स्कूल पढ़ाई के लिए नहीं इश्क के लिए होते हैं और छोटी उम्र में शराब पीना और पोर्न देखना कूल है । अगर अपने बच्चों का नैतिक पतन रोकना है तो हिंदू माता पिता और शिक्षकों को फिर से दंड हाथ में उठा लेना चाहिए ।

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