सरकार के पल्ले हिंदुओं को देने के लिए कुछ नहीं है । इनका single point agenda है कि छोटे लोगों को समाप्त कर बड़ी कंपनियों को कैसे सारा व्यापार हस्तांतरित किया जाया और इसको जीडीपी और विकास का नाम देकर आम लोगों को उल्लू बनाया जाए । बड़ी कंपनियों की सबसे बड़ी समस्या होती है कि इनको transport cost बहुत पड़ती है। जिससे यह कुटीर उद्योगों के सामने टिक नही पाते । अब adani का नकली कच्ची घानी का सरसों का तेल एक तो असली छोटे कोहलू के ठंडे सरसों के तेल के सामने कहीं नहीं टिकता । दूसरा ग्राहक सीधा किसान पीली सरसों के 50 किलो की एक बोरी activa पर डाल कर छोटे कोहलू से निकलवाने लगा है । अब इसमें transport की लागत आई 50 रुपए । अडानी अब सरकार पर दवाब  डाल रहा है कि logistick cost कम करो । इसलिए सरकार अब नई logistic नीति लेकर आई है जिससे कॉरपोरेट को ट्रांसपोर्ट की लागत कम से कम हो जिससे कुटीर उद्योगों की रही सही कमर भी टूट जायेगी । सरकार से यही प्रयास आम आदमी का चूर्ण निकाल रहें हैं लेकिन उनको जीडीपी का और कारों की बिक्री का आंकड़ा देकर चुप करवा दिया जाता है ।

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