ब्रिटेन में एक कानून था लिव इन रिलेशनशिप* बिना किसी वैवाहिक संबंध के एक लड़का और एक लड़की का साथ में रहना। जब साथ में रहते थे तो शारीरिक संबंध भी बन जाते थे, तो इस प्रक्रिया के अनुसार संतान भी पैदा हो जाती थी तो उन संतानों को किसी चर्च में छोड़ दिया जाता था।
अब ब्रिटेन की सरकार के सामने यह गम्भीर समस्या हुई कि इन बच्चों का क्या किया जाए तब वहाँ की सरकार ने काँन्वेंट खोले अर्थात् जो बच्चे अनाथ होने के साथ-साथ नाजायज हैं उनके लिए काँन्वेंट बने।
उन अनाथ और नाजायज बच्चों को रिश्तों का एहसास कराने के लिए उन्होंने अनाथालयों में एक फादर एक मदर एक सिस्टर की नियुक्ति कर दी क्योंकि ना तो उन बच्चों का कोई जायज बाप है ना ही माँ है। तो काँन्वेन्ट बना नाजायज बच्चों के लिए जायज।
इन अनाथ बच्चों ने ईसाइयत को फैलाने का जबरदस्त काम किया । अधिकतर क्रुसेड में लड़ने वाले योद्धा यही अनाथ बच्चे थे जो live in relation के नापाक रिश्ते से पैदा हुए थे । पहले पहले चर्च ने इस व्यवस्था को खूब बढ़ावा दिया । लेकिन जो बात गलत होती है वह गलत ही रहती है । एक दिन उसका परिणाम भुगतना ही पड़ता हैं । हुआ यूं 1950 में गर्भ निरोधक साधनों का अविष्कार हो गया । यह बहुत बड़ी खोज थी । इससे हुआ क्या कि मजे के लिए बने live in relation ship में जो बच्चे पैदा होते थे वह होना बंद हो गए । इससे एक और चर्च के अनाथ मिलने बंद हो गए ,और दूसरी तरफ यूरोप , America महादीप में कॉरपोरेट और कम्युनिस्टों ने परिवार व्यवस्था को तोड़ने के लिए अभियान शुरू किया । जिसमें उन्होंने शराब ,porn,नारीवाद , women empowerment के अभियानों के माध्यम से ईसाइयों की परिवार व्यवस्था को तोड़ कर रख दिया । हालत अब यह हैं कि यहां 1950 -60 के दशक में अमेरिका में 70%लोग पति पत्नी के रूप में रहते थे अब केवल 10% लोग ही पति पत्नी के रूप में रहते हैं । एक तो कोढ़ ऊपर से उसमें खाज । एक तो परिवार व्यवस्था के ढह जाने से यूरोप और अमेरिका महादीप में ईसाइयत की चूलें हिल गई दूसरी तरफ गर्भ निरोधक साधनों के कारण इन दो महादिपों में ईसाई जन संख्या तेजी से नीचे जाने लगी है । हालत यह हैं कि अब चर्च की 14 कंपनियों ने यूरोप और अमेरिका में अपनी investment को समेटना शुरू कर दिया है ।और भारत में निवेश शुरू कर दिया है । जिन कॉमरेडस ने यूरोप में ईसाइयत का फातिहा पढ़वा दिया । उन्हीं कॉमरेडस को भारत में चर्च फंडिंग कर रहा है । इन कॉमरेड के चलते हिंदू समाज को एससी एसटी ,आदिवासी , आदि के नाम पर लड़ाया जा रहा है । जिससे चर्च का काम आसान हो रहा है ।
जिस फेमिनिज्म , women empowerment , पोर्न ,शराब ,hollybood ने यूरोप और अमेरिका में परिवार व्यवस्था को छिन भिन कर दिया । वो ही रन नीति अब कंपनियों द्वारा भारत में प्रयोग की जा रहीं हैं । हिंदुओं की परिवार व्यवस्था का पतन अब निश्चित है। जहां एक और 50% हिंदू लड़के लड़कियों के विवाह नहीं हो रहे क्योंकि बॉलीवुड ने लडकों को समझा दिया है कि लडकी दिखने में पूरी sex doll होनी चाहिए और लड़कियों को समझा दिया है कि पति play boy होना चाहिए उसके six pack होने चाहिए ,घर में नौकर चाकर होने चाहिए ,बड़ी गाड़ी ब्ला ब्ला होना चाहिए । कंपनियों के इशारे पर फिल्मों ,और धारावाहिकों में गरीबों को खत्म कर दिया गया है ।
दूसरी और जिन 50% के विवाह हो रहें हैं उनमें से केवल 10% रिश्ते ही बच पा रहें हैं। इन सब कारण हैं कि सरकार द्वारा हिंदुओं की परिवार व्यवस्था को तोड़ने के लिए live in relation को legal कर दिया है और हिंदू विवाह को illegal , वेश्यावृति को बढ़ावा देने के लिए इस पर लगा प्रतिवंध हटा लिया गया है। हिंदुओं के तलाक के मुकदमें 20 30 साल तक लटका कर रखे जा रहें हैं । नारी वादी कानूनों के चलते और वूमेन एंपावरमेंट के नाम पर लड़कियों को परिवार से निकाल कर जॉब की दलदल में धकेला जा रहा है ।फौज ,बीएसएफ ,पोलिस में जान बूझ कर लड़कियों को non combat ड्यूटी में भर्ती किया जा रहा है और इनका जबरदस्त महिमा मंडन किया जा रहा है ।
अगर यह सब चलता रहा तो हिंदुओं का पतन निश्चित है ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें