लगभग तीन वर्ष पूर्व एक लेख लिखा था जिसमें कहा था कि भारत को अपना forex reserve डॉलर ,euro के स्थान पर physical gold में परिवर्तित कर लेना चाहिये । क्योंकि इससे आपकी सम्प्रभुता अमेरिका के पास गिरवीं पड़ी रही है चाहे जितना मर्ज़ी संविधान में यह लिखते रहो कि भारत सम्प्रभुता सम्पन्न देश है ।लेकिन वास्तव में आप अमेरिका की मर्ज़ी के विरुद्ध कुछ भी नहीं कर सकते । क्योंकि अमेरिकन बैंक्स में पड़ा हुआ forex reserve अमेरिका के राष्ट्रपति के एक आदेश से मिट्टी हो सकता है और आप कुछ भी नहीं कर पाएंगे ।
जैसा अंदेशा था हुआ भी वैसा ही पहले अफगानिस्तान का फोरेक्स रिज़र्व अमेरिका ने तालिबान का बहाना बना कर जब्त कर लिया । अमेरिका का यह कदम बिलकुल गलत था । कल को किसी देश में आपकी मनमर्ज़ी की सरकार नहीं बनती तो आप उस देश के गरीब लोगों की खून पसीने की कमाई जबत कर लो । आज अफगानिस्तान के लोग भूखे मर रहें हैं अमेरिका यह फ़र्ज़ नहीं बनता कि अफगानिस्तान के फोरेक्स रिज़र्व से अनाज खरीद कर उस देश मे भेजे ।
अफगानिस्तान तो कमजोर देश है । हद तो तब हो गई जब रूस का forex reserve जो लगभग 300 बिलियन डॉलर था अमेरिका ने रूस यूक्रेन युध्द का बहाना बनाकर जबत कर लिया । इतना शक्तिशाली देश रूस भी अमेरिका की कुटिलता को समझ नहीं पाया और उसने समय रहते अपना सारा फोरेक्स रिज़र्व physical gold में परिवर्तित नहीं किया । अब अंतरराष्ट्रीय जगत में रूस लोगों को कर्ज़ की क़िस्त नहीं दे पा रहा क्योंकि डॉलर अमेरिका ने ज़ब्त कर लिए ।
इन घटनाओं से सबक लेकर चीन जो कि 3400 बिलियन डॉलर का huge forex reserve रखता है वह चौकना हो गया है चीन को पता चल गया है कि उनके लोगों द्वारा इतना परिश्रम करने के बाद भी उनके पल्ले निल बट्टा सनाटा ही है । चीन अमेरिका का कुछ नहीं बिगाड़ सकता जबतक चीन की कमाई अमेरिका के पास पड़ी है । चीन की सरकार अभी नींद से जागी है । चीन अब अपने forex reserve को gold में परिवर्तित करना शुरू करेगा । जिस दिन चीन ने यह शुरू कर दिया उसी दिन अमेरिका कोई ना कोई बहाना बना कर चीन का forex reserve ज़ब्त कर लेगा ।
और तीसरी तरफ भारत की सरकार जो लगातार अपने forex reserve में स्वर्ण को बेचकर डॉलर एकत्र करने में लगी हुई है । अमेरिका के दबाब में gold bond और gold मोनेटाइजेशन स्कीम लाई गई है तांकि लोग अपना पैसा physical gold में निवेश ना करके एक सरकारी कागज़ पर निवेश करें जिससे सवर्ण बाहर से देश मे ना आये । अगर भारत का 647 बिलियन डॉलर का forex resereve अमेरिका ने जब्त कर लिया तो हमारी औकात मूंगफली खरीदने की नहीं रहेगी । जबतक हमारा फोरेक्स रिज़र्व अमेरिका का किसी अन्य देश मे पड़ा है तब तक संविधान में चाहे सौ बार लिख लो कि भारत सम्प्रभु देश है ,सब कोरी गप्प है । आप ने अपनी मुंडी काट कर तो अमेरिका को दे रखी है । आप कोई स्वतंत्र निर्णय ले ही नहीं सकते । आडवाणी जी ने एक बार आरोप लगाया था कि भारत का बजट अमेरिका से बनकर आता है वह आज भी 100% सच है ।
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