कानून धीमे जहर की तरह असर दिखाता है । तड़पा तड़पा कर मारता है । आप बच गए तो आपकी अगली पीढ़ी नहीं बच सकती । बारी सबकी आएगी आज नहीं तो कल । हिन्दू धर्म को समाप्त करने के लिये ही sc st act और हिन्दू परिवार व्यवस्था को समाप्त करने के लिये सरकार नारी मुक्ति के कानून सरकार लगातार ला रही है । 10 साल बाद देखना हिन्दू बचता है या नहीं । पहले आम लोगों में समाज का भय था इसलिए घटिया कानून अपना असर नहीं दिखाते थे क्योंकि समाज लोगों को ग़लत काम करने से रोकता था लेकिन जैसे जैसे globazied और centralized अर्थव्यवस्था का मॉडल सरकार द्वारा तत्प्रता से लागू किया जा रहा समाज व्यवस्था का कॉन्सेप्ट समाप्त हो गया है । अब सरकार द्वारा पारित काले कानून हिंदुओं का गला घोंटने में पूरी तरह सफल हो रहा है । हिन्दू समाज हिन्दू धर्म और हिंदुओं की रक्षा करता था अब वह हिन्दू समाज समाप्त कर दिया गया है । व्यक्ति को पहले समाज नियंत्रित करता था आज काले कानून नियंत्रित करतें हैं । हिंदुओ का विनाश तय है ।
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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