अगर मुद्राओं के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड फिर से वापिस आता है  यानि कि RBI उतने ही नोट छाप सकता है जितना कि उसके पास सवर्ण भण्डार है तो इससे दुनिया एक दम बदल जाएगी । 

1.महंगाई बढ़ना बहुत कम हो जाएगी । 

वर्तमान में महंगाई का सबसे बड़ा कारण फ़िएट करेंसी और बैंकों द्वारा रिज़र्व फाइनेंसिंग की मदद से मनचाही  मुद्रा छाप लेना है । पहले किसी भी नोट के बदले आप  RBI से निश्चित मात्रा में स्वर्ण ले सकते थे इसको ही गोल्ड स्टैण्डर्ड कहा जाता था । मान लो आप 5000 रुपये RBI को वापिस कर देते हो तो RBI आपको 1 ग्राम सोना देने का वचन देता है तो इसको गोल्ड स्टैंडर्ड कहतें हैं । इससे होता क्या है कि रुपये की कीमत कभी कम नहीं हो सकती , अगर बाजार में रुपये की कीमत कम होती है तो आप RBI से जाकर 1 ग्राम सवर्ण ले लोगे । कालांतर में इस स्वर्ण देनें की गारंटी को समाप्त कर दिया गया । अब कोई भी केंद्रीय बैंक जैसे भारत मे RBI कितनी भी मुद्रा छाप सकता है । इसको ही FIAT CURRENCY कहतें हैं । इसी कारण हर वर्ष महंगाई बढ़ जाती हैं । 

2.गोल्ड स्टैण्डर्ड के लागू होने के कारण CONSUMPTION और DEBT BASED ECONOMY पर रोक लगेगी और सेविंग BASED ECONOMY मॉडल की और विश्व अग्रसर होगा । पहले सरकारों द्वारा गोल्ड स्टैण्डर्ड छोड़ा गया । फिर RESERVE Financing की मदद से बैंकों को कर्ज़ बांटने की छूट दी गई जिससे सारा विश्व त्राहिमाम कर उठा है सारे विश्व के अधिकतर लोगों पर RESERVE financing की मदद से कर्ज लाद दिया गया है और विश्व की सम्पदा कुछ चन्द लोगों के पास सीमित कर दी गई है । अगर गोल्ड स्टैंडर्ड वापिस आता है बैंक reserve financing की मदद से इतना कर्ज़ नहीं दे पाएंगे । लोगों को कर्ज दे दे कर अधिक से अधिक consumption यानि की उपभोग करने के लिए प्रेरित किया जा है जो कि सनातन के त्याग के सिद्धांत के बिल्कुल विपरीत है । अधिक से अधिक consumption यह वेस्टर्न अवधारणा है ।  इस अधिक से अधिक consumption और enjoy की अवधारणा के कारण सारे विश्व की नदियां ,समुद्र पहाड ,प्रकृति मृतप्राय होनें के कगार पर पहुँच गई है । 


मुद्रा के लिये जितनी शीघ्रता से gold standard अपनाया जाए उतना अच्छा होगा । नहीं तो crypto currency हावी हो जाएगी । आम व्यक्ति के लिये यह सुझाव है कि जितना अधिक से अधिक हो सके स्वर्ण में निवेश करे तांकि आपकी सम्पदा और प्रकृति लूट से बच सके ।


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