एक बिल्कुल फेल इंसान जिंदगी में निष्काम सेवा से कैसे उठ खड़ा हुआ । 

यहां बात हो रही है 65 वर्षीय राज की । फर्मासिस्ट । जिंदगी में बिल्कुल हार चुका इंसान । जिंदगी में कोई  नाम नहीं कमाया ना ही एक धेले की कमाई की । पत्नी उसके मकान में ही अलग रह रही है और बेटियों कभी बुलाया नहीं । कोई अपने पास बैठने नहीं देता फटकने तक नहीं देता । कोई रिश्ता नहीं केवल अकेलापन । 


अचानक राज योग की कक्षा में जाने लगता है । धीरे धीरे योग में प्रगान्त होकर लोगों को निःशुल्क योग सीखने लगता है और श्री कृष्ण के बताए निष्काम कर्म के मार्ग पर डटकर आगे बढ़ने लगता है । समाज मे इज्जत बढ़ने लगती है । अब राज निष्काम कर्म से पीछे नहीं हटता । पिछले दिनों संघ के एक दिवसीय बाल शिविर में राज ने डटकर मोर्चा संभाला । सबसे पहले गया और सबसे अंत तक डटा रहा । अब तक बिल्कुल नाकामयाब राज अब लोगों की नज़रों ने हीरो बन चुका है । केवल अपनी निष्काम सेवा के कारण राज अब उठ खड़ा हुआ है । THE RISE OF FAILED MAN BY DOING HIS DUTY  TOWARDS SOCIETY ।


सार:- जो इज्जत केवल पैसे की कुत्ता RACE से हासिल नहीं की जा सकती , निष्काम सेवा से वह चन्द दिनों में हासिल हो सकती है । पैसों की कुत्ता RACE से बाहर निकलिए । समाज और देश की निष्काम सेवा में अपना कुछ समय अवश्य दें । आपको वह हासिल होगा जो अब तक हासिल नहीं हुआ था ।

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