हिंदुओं की परिवार व्यवस्था तोड़ने के लिये कांग्रेस dowry act लाई थी मजेदार बात यह है कि यह dowry act मुसलमां पर लागू नहीं होता । इस dowry act के कारण हिन्दू लोग विवाह करने से डरने लगे हैं जिसके कारण हिंदुओं की आबादी बहुत कम गई है । अगले 45 वर्षो में हिंदुओं की आबादी आधी रह जायेगी ।
दूसरा तलाक का फैसला हिंदुओं के केस में घटिया अंग्रेजी अन्याय व्यवस्था करती है जिसमे आदमी बूढा हो जाता है लेकिन उसको तलाक नहीं मिलता । इससे हिंदुओ के पुर्नविवाह में बहुत रुकावट आ रही है । जबकि दूसरी और मोमिन लोग तीन तलाक के कारण किसी घटिया अन्याय व्यवस्था के चक्कर में नहीं पड़ते । मोदी सरकार ने केवल instant तीन तलाक पर रोक लगाई है । इससे हलाला जैसी प्रथा इनमें कम हो गई है । एक एक महीने पर तीन तलाक अब भी लागू है ।
सरकार को dowry act ,domestic violence act ,औऱ हिंदुओं के तलाक के मामले भी हिन्दू समाज पर छोड़ देनें चाहिए जिस तरह सरकार ने मुसलमानों के मामले मुस्कमनी पर छोड़ दिये है ।
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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