कंपनियां आपको कैसे मूर्ख बनाती हैं ।
1.बड़े बड़े अक्षरों में लिखा रहेगा' FORTUNE कच्ची घाणी का शुद्ध सरसों का तेल' और पीछे छोटे छोटे अक्षरों में लिखा होगा इसमें कुछ कच्ची घाणी का तेल नहीं है ।
2. नाम रखा जाएगा BAJAJ ALMOND OIL यानि बादाम का शुद्ध तेल और पीछे अवयवों की सूची में लिखा होगा कि बादाम का तेल है केवल 29% बाकि है सरसों का तेल ।
3. विज्ञापन चलेगा आंवले के तेल का और बोतल में सब घटिया MINERAL OIL , PALM OIL भरा रहेगा ।
यह सब तो उदहारण है आपको कि आपका उल्लू कैसे खिंचा जाता है और आप उल्लू बन भी जाते हो । यह जो आपने अंग्रेजी स्कूल में जो दस साल अंग्रेजी माता की गोद में पढ़ाई की उसका जरा उपयोग तो करो ।
विकल्प:- स्थानीय आपकी आंखों के सामने निकला तेल ,आटा ,नमक ,मिर्च, मसाला ,मक्खन ,घी ,बेसन हल्दी ,ताज़ा दूध बिना पैकेट वाला । बस इतनी ही सूची है।अगर यह आठ दस चीज़ें आप अपनी पिसवा लो या तैयार कर लो ,सरकारी certified मिलावट के जहर से आप बच सकते हो ।
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें