सभी बड़े ब्रांड की कंपनियों के द्वारा हानिकारक केमिकल बेकरी उत्पादों जैसे बिस्किट , ब्रेड आदि और आइस क्रीम में डालें जातें हैं तांकि यह लंबे समय तक खराब ना हों । अमूमन जल्द खराब होनी icecreame इसलिये चार छह महीने काट जातीं हैं । इसलिए आपने notice किया होगा कि बड़े बड़े ब्रांड्स की ice cream खाने के तुरंत बाद आपको प्यास लगती है और यह ice cream आपके गले में एक अजीब तरह की खराश उत्पन्न कर देती है । जबकि घर में बनी हुई ice cream और किसी local दुकानदार की ice cream जो समाज द्वारा certified होती है उसको खाकर आपका गला सूखता नहीं । इसी तरह बिस्कुट के स्थान पर स्थानीय बेकरी में आप नान खताई तैयार करवा सकतें हैं । ब्रेड के स्थान पर बड़ा पाव जो आपकी आंखों के सामने बनता था वह प्रयोग कर सकतें हैं । बड़े बड़े ब्रांड के पास पैकिंग और एडवरटाइजिंग के अलावा आपको देनें के लिये जहर के अतिरिक्त औऱ कुछ नहीं । इनके दिखावे पर मत जाएं ।
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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