भांग का पौधा वह ब्रह्मास्त्र है जो प्लास्टिक और अरब देशों का कचूमर निकाल सकता है । अमेरिका और कनाडा में इसकी खेती को कानूनन मान्यता दे दी गई है । उत्तराखण्ड में भी इसकी खेती अब गैर कानूनी नहीं रही । भांग के पौधे से 1200 से ऊपर उत्पाद बन सकतें है म जिनमे प्लास्टिक ,कपड़ा , पैकिंग मटेरियल , चूने और भांग के मिश्रण से concreate जैसा मजबूत material , गाड़ियों के लिये तेल , आयुर्वेदिक दवाएं आदि बनाई जा सकती हैं । 1950 के दशक तक इसकी खेती कानूनन थी जो बाद में नशा माफिया , मेडिकल माफिया , पेट्रोलियम माफिया से रिश्वत खाकर सरकारों ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया । भांग का पौधा बहुत तेजी से उगता है । 6 महीने में इसकी फसल आ जाती है । भांग एक ऐसा पौधा है जो विश्व को क्रूड ऑयल के दुष्चक्र से निकाल सकता है । उत्तराखन्ड ,अमेरिका ,कनाडा की तरह भारत के अन्य राज्यों में भी इसकी कानूनी मान्यता दे देनी चाहिये । अगर एक बार ऐसा हो गया तो किसानों ,उपभोक्ताओं और प्रकृति की दशा काफी हद तक सुधर जाएगी । इसके गैर नशीले पौधे के बीज अभी अमेरिका आदि से आयात होतें है । सरकार को इसके इन बीजों के उत्पादन पर ध्यान देना चाहिये । पंजाब ,हरियाणा की कैंसर कारक फसलों का उत्पादन करने वाली धरती के लिये भांग की खेती एक अच्छा विकल्प होगी ।

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