हर बार good morning चिपकाने वालो ध्यान दो ।
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1.अगर किसी के परिवार में किसी की मृत्यु हो गई हो और आगे से तुम ठोक दो good morning । सामने वाले पर क्या बीतेगी ।
2. अगर तुम समझते हो कि good morning good evening करने से तुम्हारी नस्ल परिवर्तित हो जाएगी और तुम अंग्रेज बन जायोगे तो यह तुम्हारी भूल है ।
3. अगर तुम समझते हो कि good morning bad morning करने से लोग तुम्हे पढ़ा लिखा या इंटेलीजेंट समझेंगे तो तुम्हें बता दूं कि आजकल लेबर वाले भी गुड मॉर्निंग , संडे , मंडे करने लगें हैं ।
4. बाकि दिन रात में कब क्या बोलना है पता ही नहीं चलता ।
आजकल गुड मॉर्निंग आदि बोलने वाला बेवकूफ अधिक प्रतीत होता है।
इसलिये गुड मॉर्निंग छोड़िए नमस्कार अपनाएं । जिसमें good morning से अधिक आत्मीयता झलकती है और गूढ़ अर्थ छिपे हुए हैं ।
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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