सनातन भारत में खाप पंचायतों के कारण ही औरंगजेब जैसे जिहादी हिन्दुओं का धर्मांतरण नहीं करवा पाए । खाप पंचायतें ना केवल त्वरीत और निःशुल्क न्याय उपलब्ध करवाती थी बल्कि सनातन संस्कृति और धर्म की रक्षा का उत्तरदायित्व भी यह खूब अच्छे से निभाती रहीं । नकली आज़ादी के बाद इनको मध्ययुगीन व्यवस्था कहकर इनका मजाक उड़ाया गया और सरकार ने इन पर प्रतिबंध लगा कर हिन्दुओ पर अंग्रेजी अन्याय व्यवस्था थोप दी । गुरूकुलों के साथ साथ हमें खाप पंचायतों को वापिस स्थापित करना पड़ेगा । नहीं तो सनातन हिन्दू धर्म भारत की धरती पर शीघ अलोप हो जाएगा । हिन्दुओ को चाहिए कि जिस स्थान पर खाप पंचायत है वहां पर अन्यायलय में जाने के स्थान पर अपने झगड़े खाप पंचायतों में लेकर जाएं ।जिस जगह यह व्यवस्था नहीं है वहां पर खाप पंचायतों की व्यवस्था शुरू की जाए ।
सनातन धर्म की रक्षा के लिये खाप पंचायत ,गुरुकुल , अखाड़े , मठ , मंदिर , सनातन परिवार व्यवस्था , सनातन समाज व्यवस्था सब जरूरी है ।
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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