अगर किसी ने धूम्रपान करना भी है तो वह सिगरेट के स्थान पर बीड़ी पी सकता है या हुक्के या चिलम में तम्बाकू भर कर और कुछ जड़ी बूटियां भर कर पी सकता है ।
बीड़ी तेंदू पत्ते से बनती है जिसको बहुत गरीब लोग उड़ीसा के जंगलों में से एकत्र करतें हैं आपके सिगरेट के स्थान पर बीड़ी पीने से उन गरीब लोगों का भला होगा । जबकि सिगरेट बड़ी बड़ी कंपनियों द्वारा बनाई जाती है जिससे आपका पैसा कुछ धनी लोगों तक ही सीमित हो जाता है ।
बीड़ी ,चिलम ,और हुक्के की तुलना में सिगरेट सेहत के लिये अधिक घातक है ।
सिगरेट के लिये हर वर्ष करोड़ों वृक्ष काटे जातें हैं जिन पर करोड़ों कीट पतंगे और पक्षी निर्भर हैं । इन वृक्षों के काटने पर कई छोटे छोटे अबोध पक्षियों के बच्चों का आप घोंसला आपके सिगरेट पीने से उजड़ जाता है । इसलिए सिगरेट पीना छोड़िए आज ही ।
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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