अगर 5th generation warfare जो कि social media के माध्यम से लड़ी जा रही है । जिसमें misinformation ,disinformation फैला कर देश के लोगों को आपस में लड़वाया जाता है उससे देश को बचा कर रखना है तो विदेशी unsocial media platform पर नियंत्रण रखना नित्तान्त आवश्यक है । सुनने में आया है कि सरकार twitter के पर कुतरने जा रही है और स्वदेशी koo को बढ़ावा दिया जा रहा है । जो कि बहुत स्वागत योग्य है । जिस पर हथियारों के लिये आप विदेशों पर निर्भर नहीं रह सकते उसी तरह अगर अपने 5th generation warfare के tools के तौर पर विदेशी प्लेटफॉर्म पर निर्भर नहीं रह सकते । चाहे वह हाथरस आंदोलन हो या किसान आंदोलन विदेशी social media platform की भूमिका संदिग्ध रही है । यह पैसे लेकर trend चलाते हैं ,suggested for you के नाम नीचे paid प्रोपेगैंडा चला रहे हैं । ट्विटर के बाद अगला नंबर ,यु टूब का नम्बर लगना चाहिए । गूगली ,विंडोज़ आदि का विकल्प भी ढूढ़ना चाहिये ।तभी देश 5th generation warfare में survive कर सकेगा ।
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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