कलौंजी ,मेथे , राई आदि कई जड़ी बूटियां आपकी सेहत के लिए अत्याधिक आवश्यक हैं ।लेकिन आप इन्हें गर्म मसाले में नहीं पीस सकते । इसलिये सनातन विज्ञानियों ने इनका उपभोग सुगमता से हो सके और स्वादिष्ट भी हो, इसलिए आचार का अविष्कार किया । अधिकतर जड़ी बूटियां जो हम सीधा नहीं ले सकते लेकिन हमारे शरीर के लिये बहुत आवश्यक हैं ऐसी जड़ी बूटियां आचार में डाली जाती हैं । लेकिन बाजार में मिलने वाले पैकेटबंद आचार में यह सब जड़ी बूटियां नहीं डाली जातीं । दूसरा सनातन घर आचार को बनने में कुछ समय लगता है लेकिन पैकेटबंद आचार बेचने वाली कंपनियों के पास स्टॉक रखने के लिये इतनी जगह और इतने पैसे नहीं होते ,इसलिये यह छोटी बड़ी कंपनियां अचार को जल्द बनाने के लिये इनमें तेजाब और अन्य केमिकल डाल देतीं हैं । जिस आचार आपकी सेहत बननी थी वही आचार अब इन पैकेटबंद कंपनियों द्वारा आपके लिये जहर के समान बना दिया गया है । और एक बात , सनातन घर का आचार चीनी अधिकतर चीनी मिट्टी के बर्तनों में रखा जाता है । 5 किलो आचार को स्टोर करने के लिए चीनी मिट्टी का बर्तन लगभग 700 रुपये का आता है । यह बहुत अधिक costly है इसलिये पैकेटबंद आचार बनाने वाली कंपनियां अधिकतर plastic के बड़े बड़े drums का प्रयोग करतें हैं , जिससे आचार बनने की सनातन आयुर्वेदिक प्रक्रिया से खिलवाड़ होता है । इन सबसे बचने के लिये जड़ी बुटियों ,औषधियों ,शुद्ध हल्दी ,शुद्ध सरसों के तेल में बना हुआ और चीनी मिट्टी के बर्तनों में बना हुआ आचार घर में ही डालें । कोई छोटी बड़ी कंपनी कितनी भी क्वालिटी का दावा कर ले लेकिन business constraints के कारण सनातन आचार के मूलभूत गुणों से उसे समझौता करना पड़ता ही है ।

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