जब तक सिख identity से सत्ता मिलती रहेगी यह समस्या यही रहेगी । 1966 के पहले का पंजाब एक मात्र हल है जिसमे हिमाचल ,हरियाणा और वर्तमान punjab था । पंजाबी सूबे के नाम पर सिख स्टेट create की गई जिसमे सिख आबादी 60% से अधिक थी । joint पंजाब में सिख आबादी केवल 20% थी । नए बने पंजाबी सूबे में सत्ता की चाबी सिख poltics करने वालों के हाथ में आ गई । बाद में यह ख़लिस्तानी मूवमेंट में तब्दील हो गई । अब कांग्रेस सिखों को दोफाड़ कर रही है मिशनरी और टकसाली सिख ।

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