आजकल की पूंजीवादी एक फ़सली कृषि उद्योग ही है । 1. आजकल पूंजीवादी कृषि का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक लाभ कमाना है उद्योग की तरह । 2. उद्योगों की तरह पूंजीवादी एक फ़सली खेती भी जलवायु को दूषित कर रहें हैं । जैसे पूंजीवादी उद्योग बिना chemicals के एक पग भी नहीं चल सकते वैसे ही एक फ़सली खेती भी बिना केमिकल के नहीं हो सकती । 3.पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम जैसे चीनी मिलों , रिफाइंड तेल की फैक्ट्री mass production की अवधरणा पर आधरित है । पूँजीवादी एक फ़सली खेती भी mass production के कांसेप्ट पर आधारित है । 4. जैसे पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम चलाने के लिये मशीनरी का होना बहुत जरूरी है वैसे ही पूंजीवादी एक फ़सली खेती भी बिना मशीनरी के एक पल नहीं चल सकती । 5. जैसे पूंजीवादी उद्योगों को चलाने के लिये बड़े बड़े loan चाहिये वैसे ही पूंजीवादी एक फ़सली खेती बिना कर्ज़े के नहीं हो सकती । विकल्प :- सनातन मिश्रित खेती और सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम जो भारत को सही अर्थों में आत्म निर्भर बना सकते हैं और किसानों की सब समस्याओं का हल कर सकते हैं । और अधिक जानकारी के लिये हमारा यह ब्लॉग पढें sanatanbharata.blogspot.com

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम

सनातन मिश्रित खेती और आज की पूंजीवादी खेती

SANATANI HOME STORAGE VS CAPITALIST STORAGE