जो लोग उच्च तकनीक में सरकारी पूँजीवाद यानि communism को स्वदेशी के नाम पर डिफेंड कर रहें हैं उनकी जानकारी के लिए बता दूं कि राफाल को फ्रांस सरकार की कोई सरकारी कंपनी नहीं बनाती ।अगर ऐसा होता तो फ़्रांस का हाल भी भारत की तरह होता । यह भारत देश भी अजीब है zero तकनीक के उत्पाद साबुन ,शैम्पू जो कि लघु उद्योगों के लिये आरक्षित होने चाहिये उनको बड़ी निजी कंपनियों के लिये छोड़ा हुआ है । जो उच्च तकनीक के उत्पाद हैं जो निजी कंपनियों के पास होना चाहिये वह सरकारी कंपनियों के पास है । उदहारण हवाई जहाज । जो चीज़ सरकारी कंपनियों के पास होनी चाहिये जैसे currency प्रिटिंग , बैंकिंग ,insurance ,mutual fund आदि वह निजी पूंजीपतियों के पास है ।
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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