जिस सनातन गुरुकुलों को अंग्रेज ना खत्म कर पाये उसको कांग्रेस ने कैसे खत्म किया ------


आज़ादी के बाद भी देश के हर छोटे बड़े कस्बे में गुरुकुल चलते थे । क्योंकि कहने को कोई कुछ कहे सारे देश में अंग्रजों का एकछत्र राज़ नहीं चलता था । देशी राजे राजवंशों का गुरुकुलों को सरक्षंण मिलता रहता था । आज़ादी के बाद हिन्दूओं की जड़ों में तेल डालने के लिए कांग्रेस ने हिंदुओ को जात पात में बांटने के अतिरिक्त हिन्दू धर्म को जड़ से नष्ट करने के लिये एक और जहाँ temple endownment act के जरिये हिन्दू मंदिरों की धन संपदा को कंट्रोल कर लिया तांकि हिन्दू मंदिरों का धन हिन्दू धर्म के काम ना आ सके लेकिन दूसरी तरफ  बहुसंख्यक मुसरमान समाज के धर्मस्थानों पर कोई कंट्रोल नहीं किया । हिन्दुओं का पैसा सरकारें लूट कर ले गईं ।
और दूसरी और जो  गुरूकुल चलते थे उनको इस बात के लिये मजबूर किया गया कि वह society registration act में अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें  । एक बार किसी हिन्दू संस्था का रजिस्ट्रेशन हो गया तो समझो वह संस्था कमेटी मेम्बर्स की personal प्रॉपर्टी बन जाती है । वह कमेटी मेंबर चाहे कुछ करें आप उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते । कानूनन वह संस्था के मालिक बन जाते हैं । इसलिए  हिन्दू संस्थाओं में आज चोर लूटेरे घुस गए हैं । हिन्दू मंदिरों में गाय और गुरुकुल का होना जरूरी है । अब आप ही देख लो कितने मंदिरों में यह व्यवस्था है । क्योंकि गौशाला और गुरुकुलों पर बहुत खर्च होता है । इसलिये धीरे धीरे जिन कमेटी मेंबर्स की केवल लूटने में दिलचस्पी हो वह इन गौशाला और गुरुकुलों को बंद कर देते हैं ।
तीसरा जो गुरुकुल आज़ादी के समय चल रहे थे उनमें धीरे धीरे सरकारी सिलेबस लागू करवा दिया गया । गुरुकुलों में सरकारी सिलेबस लागू करने के लिये उनको aided school बना दिया गया । जो कमेटी मेंबर्स पहले ही गुरुकुलों से जान छुड़ाना चाहते थे उन्होंने यह आफर हाथों हाथ लपक लिया । इस सब गोरख धंदे को modern education जैसी चिकनी चुपड़ी बातें कर के ढक दिया गया । जो शिक्षक गुरुकुलों में पढ़ते थे उनको पक्की salary मिलने लगी । उन्होंने क्या विरोध करना था । जिन केटी मेंबर्स ने विरोध किया उनको आधुनिक शिक्षा का विरोधी कहकर चुप करवा दिया गया   धीरे धीरे सब गुरुकुल सब aided school बन गए   और वहां पर प्राथना के इलावा हिन्दू धर्म का कुछ नहीं पढाया जाता । इसका उदहारण हमारे शहर का है   जिसमे सनातन मंदिर के साथ साथ गुरुकुल और गौशाला चलती थी । कई विद्यार्थी गुरुकुल में सनातन धर्म ,वेद ,आदि की शिक्षा लेते थे उसको एडिड स्कूल में बदल दिया गया । अब सनातन धर्म का नाम ही रह गया । मंदिर से आमदन होती है इसलिये उसे चलता रखा गया । गौशाला को मैरिज प्लेस बना दिया गया । उससे जो आमदन होती है वह कमेटी मेम्बेर्स बांट लेते हैं । 
इस तरह कांग्रेस ने हिन्दू धर्म की जड़ो में तेल डाल दिया । हिन्दू धर्म की जड़ थी गुरुकुल । उसको पैसे का लालच देकर खत्म कर दिया । मजे की बात यह है कि कांग्रेस ने मुसरमान जोकि भारत का सबसे बड़ा समुदाय है उनके मदरसों को छुआ तक नहीं । बहुसंख्यक मुसरमान समाज के मदरसों में आज भी सरकारी सिलेबस लागू नही हो पाया । उनमे आज भी इस्लामिकक तालीम दी जा रही है । और बहुसंख्यक मुसरमान समाज के बच्चों को आधुनिक शिक्षा से महरूम रखा जा रहा है । हम सरकार से अनुरोध करते हैं ।
1. हिन्दू समाज के मंदिरों को सरकारी चंगुल से मुक्त करें ।
2. हिन्दू संस्थाओं को society registration act से मुक्त करे।
3. अपने aided schoolकहीँ और शिफ्ट करके गुरुकुलों के लिये रास्ता साफ करे।
देश के बहुसंख्यक मुसरमान समाज की तरह अल्पसंख्यक हिन्दू समाज को अपने धर्म को चलाने की छूट दे ।

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