उन्हीं चीजों पर सब्सिडी या loan मिलेगा जो पूंजीवादी कंपनियां बनाएंगी । जैसे
1. ट्रैक्टर पर subsidy मिलेगी ,loan मिलेगा बैल पर नहीं ।क्योकि ट्रेक्टर बड़ी कंपनी बनाती है ।
2. जैविक खेती पर कोई सब्सिडी नहीं रासायनिक जहर पर सब्सिडी मिलेगी ।
3. गैस cylinder पर subsidy देकर हमे विदेशों पर निर्भर कर दिया गया । अब हमारे देश को अगर विदेश से एलपीजी ना मिले तो 90 % लोगों के घर रोटी नहीं बनेगी ।
4. पंजाब में ना तो चावल ,ना नही मछली ना ही सुअर का मांस ,मुख्य आहार है और ना ही पंजाब की जलवायु इसके लिए उपयुक्त है । लेकिन तीनों को सब्सिडी मिलती है । एक तरफ यहां पंजाब का भूमिगत जल नीचे जा रहा दूसरी तरफ इन तीनों चीजों को promote किया जा रहा है । इन तीनो में सबसे अधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है । एक तरफ सरकार जल सरक्षण का दिखवा करती है दूसरी तरफ धान को msp दिया जाता है ,fish farming को सब्सिडी ,loan आदि से नवाजा जाता है ।
5. एलोपैथी को सरकार का 98% बजट मिलता है क्योंकि एलोपैथी की दवा बड़ी कंपनियों द्वारा ही बनाई जा सकती है । आयुर्वेद की दवा आप घर पर भी बना सकते हैं इसलिये आयुर्वेदिक चिकित्सा को ना तो सरकार ना ही who प्रोत्साहित करता है।
6. बैंक भी उन्हीं वस्तुओं को फाइनेंस करेगा वह भी बिना सिक्योरिटी के जो बड़ी कंपनियों द्वारा निर्मित है । जैसे अगर कोई लघु उद्योग कूलर बनाता है तो बैंक की तरफ से कोई फाइनेंस नही मिलता अगर वोहि कूलर कोई बड़ी कंपनी बनाती है जैसे blue star उसके कूलर को बैंक या किसी nbfc से consumer फाइनेंस मिलता है वह भी बिना किसी security के ।
7.चीन से जो भी इलेक्ट्रॉनिक गुड्स जैसे मोबाइल फ़ोन ,laptop आदि आते हैं उनको या तो credit card के माध्यम से बैंक फाइनेंस करवाता है या फिर बजाज जैसे NBFC जिसने बिना SECURITY के बैंको से 90000 करोड़ उठा रखें है । अगर यह चीनी इलेक्ट्रॉनिक गुड्स को बैंक फाइनेंस आदि मिलना बंद हो जाये तो चीन से इम्पोर्ट बहुत कम हो जाये । और देश आत्मनिर्भर बन जाये ।
8. एक तरफ सरकार प्रदूषण और तेल के आयात को लेकर चिल्लाती रहती है । दूसरी तरफ बैंक और फाइनेंस कंपनियां कार loan आदि वह भी बिना सिक्योरिटी के चुटकियों में कर देतें है । और फिर सरकार का अधिकतर बजट सड़के चौड़ी करने में ,वृक्ष काटने में चला जाता है ।
अब इस अवस्था में लोगों को कैसे रोज़गार मिलेगा देश कैसे आत्म निर्भर बनेगा ,प्रदूषण कम कैसे होगा जब सारी नीतियां ही छोटे लोगों और पर्यावरण को खत्म करने के लिये बनी हैं ।
1. ट्रैक्टर पर subsidy मिलेगी ,loan मिलेगा बैल पर नहीं ।क्योकि ट्रेक्टर बड़ी कंपनी बनाती है ।
2. जैविक खेती पर कोई सब्सिडी नहीं रासायनिक जहर पर सब्सिडी मिलेगी ।
3. गैस cylinder पर subsidy देकर हमे विदेशों पर निर्भर कर दिया गया । अब हमारे देश को अगर विदेश से एलपीजी ना मिले तो 90 % लोगों के घर रोटी नहीं बनेगी ।
4. पंजाब में ना तो चावल ,ना नही मछली ना ही सुअर का मांस ,मुख्य आहार है और ना ही पंजाब की जलवायु इसके लिए उपयुक्त है । लेकिन तीनों को सब्सिडी मिलती है । एक तरफ यहां पंजाब का भूमिगत जल नीचे जा रहा दूसरी तरफ इन तीनों चीजों को promote किया जा रहा है । इन तीनो में सबसे अधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है । एक तरफ सरकार जल सरक्षण का दिखवा करती है दूसरी तरफ धान को msp दिया जाता है ,fish farming को सब्सिडी ,loan आदि से नवाजा जाता है ।
5. एलोपैथी को सरकार का 98% बजट मिलता है क्योंकि एलोपैथी की दवा बड़ी कंपनियों द्वारा ही बनाई जा सकती है । आयुर्वेद की दवा आप घर पर भी बना सकते हैं इसलिये आयुर्वेदिक चिकित्सा को ना तो सरकार ना ही who प्रोत्साहित करता है।
6. बैंक भी उन्हीं वस्तुओं को फाइनेंस करेगा वह भी बिना सिक्योरिटी के जो बड़ी कंपनियों द्वारा निर्मित है । जैसे अगर कोई लघु उद्योग कूलर बनाता है तो बैंक की तरफ से कोई फाइनेंस नही मिलता अगर वोहि कूलर कोई बड़ी कंपनी बनाती है जैसे blue star उसके कूलर को बैंक या किसी nbfc से consumer फाइनेंस मिलता है वह भी बिना किसी security के ।
7.चीन से जो भी इलेक्ट्रॉनिक गुड्स जैसे मोबाइल फ़ोन ,laptop आदि आते हैं उनको या तो credit card के माध्यम से बैंक फाइनेंस करवाता है या फिर बजाज जैसे NBFC जिसने बिना SECURITY के बैंको से 90000 करोड़ उठा रखें है । अगर यह चीनी इलेक्ट्रॉनिक गुड्स को बैंक फाइनेंस आदि मिलना बंद हो जाये तो चीन से इम्पोर्ट बहुत कम हो जाये । और देश आत्मनिर्भर बन जाये ।
8. एक तरफ सरकार प्रदूषण और तेल के आयात को लेकर चिल्लाती रहती है । दूसरी तरफ बैंक और फाइनेंस कंपनियां कार loan आदि वह भी बिना सिक्योरिटी के चुटकियों में कर देतें है । और फिर सरकार का अधिकतर बजट सड़के चौड़ी करने में ,वृक्ष काटने में चला जाता है ।
अब इस अवस्था में लोगों को कैसे रोज़गार मिलेगा देश कैसे आत्म निर्भर बनेगा ,प्रदूषण कम कैसे होगा जब सारी नीतियां ही छोटे लोगों और पर्यावरण को खत्म करने के लिये बनी हैं ।
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