जिन लोगों के घर में कुत्ते बच्चों के साथ सोते हैं उनके बच्चे थोड़े से पागल हो जाते हैं । क्योंकि कुत्ते हमेशा ऐसे वायरस छोड़ते रहते हैं जिनसे बच्चों का मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है । इसलिए सनातन भारत में कुत्ते का स्थान हमेशा आपकी दहलीज के बाहर होता था और गाएं का स्थान घर के अंदर । अधिकतर अंग्रजों के माता पिता क्योंकि बचपन में ही छोड़ देते हैं और अधिकतर अंग्रजों का परिवार नहीं होता । इसलिये वहां लोग अकेले रहते हैं । इसलिए वहां लोग अकेले पन को दूर करने के लिये कुत्ते को ही अपना जीवनसाथी समझते हैं । क्योंकि कुत्ता कभी अपने मालिक को छोड़ता नहीं । और इंडिया में अंग्रजों के गुलामों ने आव देखा ना ताव ,अपने आप को अंग्रजो जैसा दिखने के लिये कुत्तो को घर में और गाएं को diary farming में रखना शुरू कर दिया ।
कुत्ते से हमारा कोई वैर नहीं है । इनको भी पूरा सम्मान मिलना चाहिए । लेकिन कुत्ते को घर में पालना खतरनाक है । 

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