आदरणीय मोदी जी नमस्कार
अगर सरकार अनाज के प्लास्टिक की बोरियों के स्थान पर पटसन (जूट) की बोरियों को बढ़ावा दे । तो देश को निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं ।
1. Plastic का कचरा बहुत कम हो सकता है क्योंकि पटसन bio degradable है जबकि plastic की बोरियां non bio degradable हैं । इससे आपके स्वच्छ् भारत अभियान को बल मिलेगा 2. पटसन का उत्पादन स्थानीय स्तर पर भारत में ही होता है। जबकि प्लास्टिक raw material विदेशों से आता है । इससे आपके आत्म निर्भर भारत के अभियान को बल मिलेगा
3. क्योंकि पटसन का उत्पादन किसान करते है । इससे आपके स्वप्न कि किसानों की आय वर्ष 2022 तक दुगनी करनी है उसमें सहयोग मिलेगा । दूसरी तरफ प्लास्टिक का raw material का किसान से कोई संबद्ध नहीं है ।
4. भारत जैसे गर्म देश में पटसन की बोरियों में अनाज को हवा लगती रहती है । जबकि प्लास्टिक की बोरियों में अनाज को हवा ना लगने के कारण अनाज के खराब होने की संभावना अधिक रहती है ।
5. प्लास्टिक की बोरियों में अगर थोड़ा सा भी छेद ही जाए तो उसको re use करना कठिन है । जबकि पटसन की थैलियों को बार बार प्रयोग किया जाता है ।
6. प्लास्टिक का प्रयोग कम होने से बहू मूल्य विदेशी मुद्रा की बचत होगी और आयात निर्यात का घाटा कम होगा ।
7. पटसन की बोरियों को उत्साह देने के लिये आप प्लास्टिक की बोरियों पर पर्यावरण टैक्स लगा सकते हैं । या प्लास्टिक के raw mateial पर custam duty बढ़ा सकते हैं । सरकारी विभागों जैसे fci को निर्देश दे सकते हैं आदि ।
आत्म निर्भर भारत ,स्वच्छ भारत
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