पूंजीवादी processing system कैसे जल को प्रदूषित क्र रहा है
पूंजीवादी processing system ने पहले भूमिगत जल और नदियों के जल को प्रदूषित किया । फिर इस गन्दे पानी को साफ करने के लिये एक नई समस्या( RO और mineral water ) को जन्म दिया ।और फिर RO औऱ mineral water को विकास ,तरक्क़ी का नाम दे दिया । अब यह यह RO औऱ MINERAL WATER लोगों की हड्डियां कमजोर कर रहा है । अब इसका समस्या के समाधान के नाम पर पूंजीवादी तंत्र को नई समस्या को ,विकास के नाम पर ,आपको बेच देगा । अगर मूल समस्या जो की पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम है जिससे जल दूषित हो रहा उसको सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम से replace कर दिया जाए, तो ना जल गन्दा होगा, ना Ro और mineral water की जरुरत होगी , ना ही ro और मिनरल water पीने से आपकी हड्डियां कमजोर होंगी ।
मूल समस्या पूंजीवादी processing सिस्टम ,जैसे रिफाइंड तेल की मिलें हैं ।जिसमें तेल निकालने की प्रक्रिया को सस्ता करने के लिये अत्याधिक घातक रसायन Hexane ,जो की कच्चे तेल के साथ निकलता है, उसका प्रयोग किया जाता है। और जब इन used गंदे रासायनों जैसे hexane आदि को ,नदियों में या धरती में inject कर दिया जाता है ,तो जल प्रदूषित हो जाता है ।अगर इन पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के स्थान पर सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम जैसे तेल निकालने के छोटे छोटे कोहलु को सरकार बढ़ावा दे ,तो रोज़गार के साथ साथ पानी भी दूषित होने से बचेगा । यह तो केवल उदहारण है ।देशी दारू की छोटी छोटी भाटियां, गुड़ के कुल्हाड , बिस्कुट के स्थान पर नान खताई , आदि लग जाएं तो देश का कल्याण हो जाए । सतयुग वापिस आ जाए । धर्म की पुनर्स्थापना हो जाएं । राम राज्य जिसमें प्रजा को दैहिक दुःख ना हो उसकी स्थापना का मार्ग निष्कंटक हो जाये । पूंजीवादी और सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को समझने के लिये हमारा यह ब्लॉग पढें ।https://sanatanbharata.blogspot.com/2019/11/blog-post_5.html?m=1
मूल समस्या पूंजीवादी processing सिस्टम ,जैसे रिफाइंड तेल की मिलें हैं ।जिसमें तेल निकालने की प्रक्रिया को सस्ता करने के लिये अत्याधिक घातक रसायन Hexane ,जो की कच्चे तेल के साथ निकलता है, उसका प्रयोग किया जाता है। और जब इन used गंदे रासायनों जैसे hexane आदि को ,नदियों में या धरती में inject कर दिया जाता है ,तो जल प्रदूषित हो जाता है ।अगर इन पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के स्थान पर सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम जैसे तेल निकालने के छोटे छोटे कोहलु को सरकार बढ़ावा दे ,तो रोज़गार के साथ साथ पानी भी दूषित होने से बचेगा । यह तो केवल उदहारण है ।देशी दारू की छोटी छोटी भाटियां, गुड़ के कुल्हाड , बिस्कुट के स्थान पर नान खताई , आदि लग जाएं तो देश का कल्याण हो जाए । सतयुग वापिस आ जाए । धर्म की पुनर्स्थापना हो जाएं । राम राज्य जिसमें प्रजा को दैहिक दुःख ना हो उसकी स्थापना का मार्ग निष्कंटक हो जाये । पूंजीवादी और सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को समझने के लिये हमारा यह ब्लॉग पढें ।https://sanatanbharata.blogspot.com/2019/11/blog-post_5.html?m=1
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