क्या कॅरोना वायरस जैसे वायरस आते रहेंगे
अगर सरकार या आम जनता इस lock डाउन से कॅरोना पर काबू भी पा लेती है तो भी आप भविष्य में इस तरह के नए नए वायरस देखते रहेंगे । जब तक इन वायरस को उत्पन्न करने वाली पूंजीवादी animal farming जिंदा रहेंगे तब तक वायरस भी जिंदा रहेंगें । Hiv का वायरस बंदरों से शुरू हुआ था । बर्ड फ्लू पोल्ट्री फार्मिंग से ,स्वाइन फ्लू pig farming से और कॅरोना bat farming से शुरू हुआ है । कोई सरकार इनके बारे में बिल्कुल बात नही करना चाहती । उल्टा सब्सिडी दी जा रही है ,gst में meat industry cover नही होती । वायरस उत्पन्न करने वाले कारण जब तक मौजूद है तब तक इस तरह के वायरस और हो सकता है इससे भी घातक वायरस आतें रहेंगे । दूसरा वायरस अगर एक स्थान पर उत्पन्न हो गया तो globalistion (global production global consumption के कारण फ़ैलते रहेंगे क्योकि ग्लोबलिसशन के कारण समान ,मीट और लोग बेवजह इधर उधर होते रहते हैं । तीसरा अगर वायरस एक बार सारी दुनिया में फैल गया तो जिस आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था के नाम पर जिस फैल allopathy का गुणगान कर कर के आम लोगों की आँखों मे जो धूल झोंकी जा रही है वह अधिक दिनों तक नही चलेगी । allopathy में कई साधारण बीमारियों जैसे नजले जुकाम का कोई उपचार नहीं । एलोपैथी में दिखवा अधिक है इलाज के नाम पर बाबा जी का ठुल्लु । allopathy में तो कब्ज़ बबासीर आदि का कोई इलाज नही । अगर आप कोई नौकर रखते हो और समय पर वह आपके कोई काम का नहीं तो आप आप उसे हटा देते हो । एलोपैथी फैल हो चुकी है अगर एंटीबायोटिक एलोपैथी के हाथ से निकल गयी तो एलोपैथी किसी काम की नहीं रहेगी । सरकार को भी यह सच स्वीकार करना चाहिये ।ऊपर दिए तीनो कारणों के कारण कॅरोना जैसी महामारियां आती रहेंगी आप इसके लिये तैयार रहें । क्योंकि जितना पूंजीवादी अर्थतंत्र और नकली विज्ञान ने प्रकृति को हानि पहुँचाई है प्रकृति उसका बदला लेगी और सब जीव जंतुओं ,पेड़ पौधों ,नदियों ,पहाड़ों समुंदरों की रक्षा करेगी । पूंजीवादी तंत्र एक छोटे से वायरस से नहीं लड़ पा रहा ।जिस समुद्र को पूंजीवादी तंत्र ने कचरे ,केमिकलों से पाट दिया जिस दिन उसने रौद्र रूप दिखया तो साक्षात महाकाल भी मुनष्य की रक्षा नहीं कर सकेंगे । पूँजीवाद के विकल्प के रूप में सनातन अर्थव्यवस्था को जानने के लिये हमारा ब्लॉग पढें sanatanbharata.blogspot.com
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें