पूंजीवादी बैंकिंग सिस्टम से होती गरीबों की लूट
बैंकिंग सिस्टम पूंजीवादी अर्थव्यस्था का एक तरह का इंजन हैं | पूंजीवादी अर्थव्यस्था का मुख्य उदेश्य गरीब और माध्यम वर्ग को लूटने में पूंजीपति वर्ग की मदद करना हैं | बैंकिंग मदद से आम आदमी की लूट कैसे की जाती है उसको हम एक उधाहरण से समझते हैं |
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मान लो एक देश में 30 करोड व्यक्तियों ने एक बैंक में खाता खुलवाया और हर एक व्यक्ति ने एक 1000-1000 रुपया उस बैंक में जमा करवा दिया। इस बैंक में इस तरह 30,000 करोड़ रुपया जमा हो गया। अब इस बैंक के पास एक कंपनी आई जिसका नाम है Alok Industries । अब इस बैंक ने इस कंपनी को 29500 करोड रूपया उधार दे दिया वह भी इस कंपनी के शेयर गिरवी रख कर। अब इस कंपनी ने 29500 करोड रुपए की जमीन खरीद ली वह भी₹200000 प्रति एकड़ हिसाब से ।
अब मान लो 1 साल बाद इन 30 करोड़ लोगों में से किसी को 1 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ गई ।उसने प्रॉपर्टी डीलरो से संपर्क किया कि मुझे 1 एकड़ जमीन चाहिए ।इसको डीलर्स ने बताया क्योंकि जमीन किसी एक को कंपनी के पास hord गई है इसलिए अब 1 एकड़ जमीन की कीमत ₹800000 प्रति एकड़ हो गई।
इस सारी प्रक्रिया में कौन सा रोजगार पैदा हो गया। कौन सी कोई नई तकनीक का विकास हो गया। जिन 30 करोड लोगों ने बैंक में पैसा जमा करवाया था पैसा भी उनका था और लूट भी उनकी हुई । जो जमीन उनको पहले ₹200000 प्रति एकड़ में मिलती थी अब पूंजीवादी बैंकिंग के मदद से आठ लाख प्रति एकड़ में मिलेगी।
इसको कहते हैं पूंजीवादी बैंकिंग सिस्टम द्वारा किए जा किया जाने वाला गरीब लोगों का विकास। इस तरह बैंकिंग सिस्टम द्वारा गरीब लोगों का पैसा लूट कर कुछ चंद पूंजीपतियों तक सीमित कर दिया जाता है |
यहउदहारण एक सच्ची घटना पर आधारित है प्रमाण के लिए लिंक क्लिक करेने https://www.thehindubusinessline.com/…/b…/article9737452.ece#
अब आप को समझ आ गया होगा की जमीन की कीमतें क्यों बढती हैं |
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पूंजीवादी बैंकिंग सिस्टम की लूट से बचने के उपाय
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वैसे तो सनातन भारत बैंकिंग सिस्टम के विरुद्ध है क्योकि बैंकिंग में बहुत लोगो का बहुत सारा धन कुछ चंद लोगों के अधिकार में आ जाता है, जो सनातन मॉडल की इस अवधारण के विरुद्ध है जिसमे देश का सारा धन सारे अधिकार कुछ चंद व्यक्तिओं तक सीमित ना हो | लेकिन अचानक क्यों सिस्टम को समाप्त करना भी अफरातफरी मचा सकता है इसलिए सनातन भारत सरकार और जनता के लिए कुछ उपाय सुझाता है
आम जनता के लिए
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अपना आधा निवेश शुद्ध स्वर्ण (pure Gold ) में करें और बाकि आधा निवेश पोस्ट ऑफिस में करें | बैंक में 1 लाख से अधिक न रखें क्योकि भारत सरकार केवल एक लाख रूपए की गारंटी करती है |
सरकार के लिए
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सरकार को चाहिए की बैंक कोई भी लोन जो 10 लाख से अधिक का हो उसे केवल और केवल जमीन या सोने की सिक्एूरिटी पर ही दें ऐसा कानून बनाये
ऐसा होने पर आम लोगों का पैसा सुरक्षित रहेगा
दूसरा सरकारी ,सहकारी और प्राइवेट बैंकों के ऑडिटर्स सरकार नियुक्त करें ताकि बैंक में हो रहे घोटालों का जल्द पता चल सके।
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मान लो एक देश में 30 करोड व्यक्तियों ने एक बैंक में खाता खुलवाया और हर एक व्यक्ति ने एक 1000-1000 रुपया उस बैंक में जमा करवा दिया। इस बैंक में इस तरह 30,000 करोड़ रुपया जमा हो गया। अब इस बैंक के पास एक कंपनी आई जिसका नाम है Alok Industries । अब इस बैंक ने इस कंपनी को 29500 करोड रूपया उधार दे दिया वह भी इस कंपनी के शेयर गिरवी रख कर। अब इस कंपनी ने 29500 करोड रुपए की जमीन खरीद ली वह भी₹200000 प्रति एकड़ हिसाब से ।
अब मान लो 1 साल बाद इन 30 करोड़ लोगों में से किसी को 1 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ गई ।उसने प्रॉपर्टी डीलरो से संपर्क किया कि मुझे 1 एकड़ जमीन चाहिए ।इसको डीलर्स ने बताया क्योंकि जमीन किसी एक को कंपनी के पास hord गई है इसलिए अब 1 एकड़ जमीन की कीमत ₹800000 प्रति एकड़ हो गई।
इस सारी प्रक्रिया में कौन सा रोजगार पैदा हो गया। कौन सी कोई नई तकनीक का विकास हो गया। जिन 30 करोड लोगों ने बैंक में पैसा जमा करवाया था पैसा भी उनका था और लूट भी उनकी हुई । जो जमीन उनको पहले ₹200000 प्रति एकड़ में मिलती थी अब पूंजीवादी बैंकिंग के मदद से आठ लाख प्रति एकड़ में मिलेगी।
इसको कहते हैं पूंजीवादी बैंकिंग सिस्टम द्वारा किए जा किया जाने वाला गरीब लोगों का विकास। इस तरह बैंकिंग सिस्टम द्वारा गरीब लोगों का पैसा लूट कर कुछ चंद पूंजीपतियों तक सीमित कर दिया जाता है |
यहउदहारण एक सच्ची घटना पर आधारित है प्रमाण के लिए लिंक क्लिक करेने https://www.thehindubusinessline.com/…/b…/article9737452.ece#
अब आप को समझ आ गया होगा की जमीन की कीमतें क्यों बढती हैं |
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पूंजीवादी बैंकिंग सिस्टम की लूट से बचने के उपाय
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वैसे तो सनातन भारत बैंकिंग सिस्टम के विरुद्ध है क्योकि बैंकिंग में बहुत लोगो का बहुत सारा धन कुछ चंद लोगों के अधिकार में आ जाता है, जो सनातन मॉडल की इस अवधारण के विरुद्ध है जिसमे देश का सारा धन सारे अधिकार कुछ चंद व्यक्तिओं तक सीमित ना हो | लेकिन अचानक क्यों सिस्टम को समाप्त करना भी अफरातफरी मचा सकता है इसलिए सनातन भारत सरकार और जनता के लिए कुछ उपाय सुझाता है
आम जनता के लिए
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अपना आधा निवेश शुद्ध स्वर्ण (pure Gold ) में करें और बाकि आधा निवेश पोस्ट ऑफिस में करें | बैंक में 1 लाख से अधिक न रखें क्योकि भारत सरकार केवल एक लाख रूपए की गारंटी करती है |
सरकार के लिए
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सरकार को चाहिए की बैंक कोई भी लोन जो 10 लाख से अधिक का हो उसे केवल और केवल जमीन या सोने की सिक्एूरिटी पर ही दें ऐसा कानून बनाये
ऐसा होने पर आम लोगों का पैसा सुरक्षित रहेगा
दूसरा सरकारी ,सहकारी और प्राइवेट बैंकों के ऑडिटर्स सरकार नियुक्त करें ताकि बैंक में हो रहे घोटालों का जल्द पता चल सके।
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