सनातन investment मॉडल

क्या सनातन investment मॉडल के कारण भारत पुणे पुणे सोने की चिड़िया बन सकता है
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आजकल की पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में जमीन निवेश का एक मुख्य साधन है ।जबकि सनातन भारत में सोना निवेश का एक प्रमुख साधन था। जमीन में निवेश करने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इससे देश में कोई नई चीज नहीं आती ।जैसे कि मान लो  सारे भारतीयों ने मिलकर 1 साल में 100000 करोड रुपए की बचत की ।अगर हम इस एक लाख करोड़ रुपए को जमीन में निवेश कर दे ,तो इससे भारत में कोई नहीं जमीन नहीं बनती ।जमीन में निवेश से होता क्या है ?कि इससे जमीन की कीमतें बढ़ जाती है । जमीन तो उतनी ही रहती है। जमीन की कीमतें बढ़ने से जंगल जानवर और गरीब के लिए 2 गज जमीन भी उपलब्ध नहीं हो पाती ।अगर हम इस एक लाख करोड़ देखो जमीन में ना निवेश करके सोने में निवेश करें तो भारत के बाहर से एक लाख करोड़ रुपए के बराबर का सोना भारत के अंदर आएगा ।जिससे भारत की धन संपदा में 100000 करोड रुपए की वृद्धि हो जाएगी। हमारे पूर्वज भी इसी कारण सोने में निवेश करते थे ।सोने में निवेश करने से हम  गरीब के जमीन के अधिकार को भी सुरक्षित रख सकते हैं । इस तरह अगर हम सोने में निवेश करते हैं तो धीरे-धीरे भारत पुनः सोने की चिड़िया बन सकता है और दूसरा इससे जमीन की महंगाई पर भी लगाम लग सकती है।सनातन इन्वेस्टमेंट मॉडल के बारे में और पूंजीवादी इन्वेस्टमेंट मॉडल के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमारा यह ब्लॉग पढ़ें https://sanatanbharata.blogspot.com/2020/03/sanatan-investment-model-vs-capitalist.html

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