Share market exposed
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे शेयर मार्केट के बारे में । हम चर्चा करेंगे कि कैसे पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का एक टूल शेयर मार्केट आम आदमी को लूटने और कैसे आम आदमी का पैसा चंद पूंजीपतियों तक पहुंचाने में कैसे सहयोग करता है ।
मित्रों आप जानते ही हैं की मीडिया और अखबार वाले कैसे दुष्प्रचार कर कर के भोले भाले लोगों को लूटने में कुछ लोगों की मदद करते हैं यह मीडिया और अखबार वाले पहले एक फर्जी आईकॉन तैयार करते हैं फिर लोगों को उनकी सफलता की कहानियां बता कर फसाते हैं । जैसे कि मैं आपको उदाहरण दूं वारेन बुफेट का । वारेन बुफेट को शेयर मार्केट में निवेश करने वाला सबसे बड़ा आदमी बताया जाता है और यह बताया जाता है कि
वारेन बुफेट ने शेयर मार्केट में पैसा निवेश करके बहुत सारा पैसा बनाया है । मीडिया वाले वारेन बुफेट की कहानियां बता बता कर आम लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करते हैं कि वह भी शेयर मार्केट में निवेश करें । मीडिया वारेन बफेट की सफलता की कहानियां तो बताती है, परंतु यह नहीं बताती कि वारेन बुफेट जैसे बड़े बड़े पूंजीपति कई कंपनियों के मालिक हैं ।उनको वह जानकारियां पहले ही उपलब्ध हो जाती हैं । जोकि एक आम निवेशक को दूर-दूर तक का नहीं मिलती ।
शेयर मार्केट में दो ही तरीके के लोग पैसा बना सकते हैं एक तो जो कंपनी की मैनेजमेंट में पहुंच रखते हैं या फिर सरकार में ऊंची पहुंच रखते हैं , जिनको पॉलिसी मैटर और संवेदनशील जानकारी का पहले से ही पता चल जाता है। मैं आपको इसके लिए एक उदाहरण देना चाहता हूं जैसे अगर मैं आप से यह पूछूं कि आपकी एक दुकान है, उसमें से आपको बहुत ज्यादा मुनाफा होता है क्या आप उस दुकान में किसी को अपना पार्टनर मिलाना पसंद करेंगे, आपका उत्तर होगा नहीं । फिर यह बड़ी-बड़ी कंपनियों वाले आम लोगों को अपनी इतनी बड़ी-बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी क्यों देते हैं । उनको क्या जरूरत है अपनी इतनी बड़ी-बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी देने की । तो इसका उत्तर है कि वह आप को लूटने के लिए ही अपनी कंपनियों के शेयर आदि ईशु करते हैं ।शेयर मार्केट में शेयर ईशु करने से पहले शेयर को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवाना पड़ता है ।स्टॉक मार्केट जैसे मुंबई स्टॉक एक्सचेंज BSE ,नेशनल स्टॉक एक्सचेंज NSE आदि के साथ लिस्टिंग एग्रीमेंट साइन करना पड़ता है । जोकि बहुत ही खर्चीला है ।स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) सेबी के बहूत सारे कानूनों का पालन करना पड़ता है। इस सब में बहुत सारा पैसा खर्च होता है।
यह बड़े बड़े पूंजीपति इतने पैसे अपने शेयर को लिस्ट करवाने में क्यों खर्च करते हैं । क्या वह छोटे निवेशकों की भलाई के लिए यह सब करते हैं या इसके पीछे उनकी सोच छोटे निवेशकों का धन लूटने की होती है । आजकल कि पूंजीवादी व्यवस्था में कोई पूंजीपति समाज भलाई ,लोक भलाई आदि के लिए अपनी कंपनी खड़ी नहीं करता । शेयर मार्केट के माध्यम से यह बड़े बड़े पूंजीपति छोटे निवेशकों का धन लूट लेते हैं । मैं आपको एक उदाहरण के लिए माध्यम से समझाता हूं । जैसे मान लीजिए की एक कंपनी है इसका नाम है XYZ Ltd । इस कंपनी के प्रमोटर जब शेयर मार्केट में शेयर ईशु करते हैं ।तो यह 51% अपने पास रख लेते हैं । ताकि इनका कंपनी पर कंट्रोलिंग इंटरेस्ट बना रहे। बाकी बचे 49%शेयरों में से लगभग 24% यह 2 नंबर में अपने ब्रोकरों को दे देते हैं । बाकी 25% शेयर आम निवेशकों को दे दिया जाता है ।जो कंट्रोलिंग शेयर हैं 51% उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं की जाती, कोई ट्रेडिंग नहीं की जाती । जो 24% जो शेयर है जो ब्रोकरों के पास पड़े हैं उनसे सारा गेम खेला जाता है ।
मान लीजिए इस कंपनी के शेयर का भाव 30 अप्रैल को श ₹1000 है और इस कंपनी के नतीजे आने वाले हैं 15 मई को । इस कंपनी के निर्देशक प्रमोटर और अन्य उच्च अधिकारियों इस संवेदनशील जानकारी का पहले ही पता लग जाता है ,कि कंपनी का profit इस वर्ष कम रहेगा और शेयर की कीमत गिर जाएगी ।इनको यह जानकारियां आम आदमी से पहले ही उपलब्ध हो जाती हैं यह अपने ब्रोकरों को कहकर अपने हिस्से के 24% शेयर ₹1000 में बेच देते हैं। जब 15 मई को कंपनी के फाइनल रिजल्ट घोषित होंगे ,तो कम मुनाफे के कारण शेयर का भाव गिर जाएगा । जैसे कि मान लो अब एक शेयर की 750 रह गई , तो कंपनी यह निर्देशक प्रमोटर और अन्य उच्च अधिकारी अपने 24% शेयर फिर से खरीद लेंगे। इस तरह 250 रूपये एक शेयर के against आम आदमी से लूट लिए जायेंगे । मान लीजिए यह 24% शेयर हैं 1 लाख तो कुल कितना हुआ 2.50 करोड के लगभग ।इस तरह के लोगों ने 2.50 करोड़ आम निवेशक से लूट लिए जाते हैं । यह प्रक्रिया बार-बार दोहराई जाती है।
कोई भी सेंसिटिव इंफॉर्मेशन आम निवेशकों से पहले कंपनी के प्रमोटर आदि के पास पहले ही उपलब्ध होती है । यो यो मीडिया वाले कुछ आईकॉन आदि की सक्सेस स्टोरी बताता रहता है कि कैसे यह आईकान शेयर मार्केट में निवेश करके अमीर बन गए ।मीडिया यह नहीं बताती कि इन लोगों के पास सेंसेटिव इनफॉरमेशन पहले से ही रहती है जिसके नाम पर शेयर मार्केट में से पैसा लूटा जाता है ।इस सबको कानूनी भाषा में इंसाइडर ट्रेडिंग Insider Trading कहते हैं । खाना पूर्ति के लिए कुछ इंसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिए कुछ कानून भी बनाए गए हैं ।ताकि लोग भ्रमित रहे ।अगर इंसाइडर ट्रेडिंग नहीं होती तो यह कानून भी ना बनते ।शेयर मार्केट में पैसा हमेशा नीचे से मने आम आदमी से ऊपर की तरफ मने कुछ पूंजी पतियों तक पहुंचया जाता है ।शेयर मार्केट आजकल की पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का एक मुख्य टूल है
।पूंजी अर्थव्यवस्था के दूसरे टूल जैसे बैंक, म्यूचल फंड ,बीमा कंपनियां आदि आम आदमी को लूटने का एक यंत्र हैं । बैंकों के बारे में हम किसी अन्य वीडियो में चर्चा करेंगे जो लोग शेयर मार्केट में से पैसा निवेश करने से डरते हैं उनका पैसा Mutual Funds और बीमा कंपनियों के माध्यम से लूटा जाता है ।आप कम से कम 10 वर्षों का अध्ययन करके देखेंगे की शेयर मार्केट और बीमा कंपनियों ने इतनी रिटर्न भी नहीं दी होती जोकि इन्फ्लेशन बढ़ी है ,उसको भी कवर कर सके । इस पूंजीवादी शेयर मार्केट को हम जुआ भी नहीं कह सकते जुए में भी सबके जीत जाने के चांस बराबर बराबर होते हैं ।जैसे कि हम एक सिक्का उछालते हैं तो head या tail की आने की संभावना fifty fifty मने बराबर होती है ।शेयर मार्केट वह जुआ है जो पहले से ही निर्धारित है। आम निवेशक शेयर मार्केट में से कभी भी जीत नहीं सकता आप भी मीडिया और अखबारों के बहकावे में मत आइए और अपने अपने खून पसीने की कमाई वहां पर निवेश कीजिए जहां पर आप के पूर्वज करते थे और वह है सोना ।मैं आपको सोने में निवेश करने के लिए इसलिए कह रहा हूं कि एक तो हमारे सब पूर्वज सोने में निवेश करते थे ।दूसरा सोना सोने को कभी भी कहीं भी बेचा जा सकता है । तीसरा सोना महंगाई को कवर लेता है ।और सोने में निवेश करने में कोई रिस्क भी नहीं है कि आपका निवेश टूट जाए । सोना लिक्विडिटी रिस्क रिटर्न तीनों पर खरा उतरता ।
वारेन बुफेट ने शेयर मार्केट में पैसा निवेश करके बहुत सारा पैसा बनाया है । मीडिया वाले वारेन बुफेट की कहानियां बता बता कर आम लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करते हैं कि वह भी शेयर मार्केट में निवेश करें । मीडिया वारेन बफेट की सफलता की कहानियां तो बताती है, परंतु यह नहीं बताती कि वारेन बुफेट जैसे बड़े बड़े पूंजीपति कई कंपनियों के मालिक हैं ।उनको वह जानकारियां पहले ही उपलब्ध हो जाती हैं । जोकि एक आम निवेशक को दूर-दूर तक का नहीं मिलती ।
शेयर मार्केट में दो ही तरीके के लोग पैसा बना सकते हैं एक तो जो कंपनी की मैनेजमेंट में पहुंच रखते हैं या फिर सरकार में ऊंची पहुंच रखते हैं , जिनको पॉलिसी मैटर और संवेदनशील जानकारी का पहले से ही पता चल जाता है। मैं आपको इसके लिए एक उदाहरण देना चाहता हूं जैसे अगर मैं आप से यह पूछूं कि आपकी एक दुकान है, उसमें से आपको बहुत ज्यादा मुनाफा होता है क्या आप उस दुकान में किसी को अपना पार्टनर मिलाना पसंद करेंगे, आपका उत्तर होगा नहीं । फिर यह बड़ी-बड़ी कंपनियों वाले आम लोगों को अपनी इतनी बड़ी-बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी क्यों देते हैं । उनको क्या जरूरत है अपनी इतनी बड़ी-बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी देने की । तो इसका उत्तर है कि वह आप को लूटने के लिए ही अपनी कंपनियों के शेयर आदि ईशु करते हैं ।शेयर मार्केट में शेयर ईशु करने से पहले शेयर को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवाना पड़ता है ।स्टॉक मार्केट जैसे मुंबई स्टॉक एक्सचेंज BSE ,नेशनल स्टॉक एक्सचेंज NSE आदि के साथ लिस्टिंग एग्रीमेंट साइन करना पड़ता है । जोकि बहुत ही खर्चीला है ।स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) सेबी के बहूत सारे कानूनों का पालन करना पड़ता है। इस सब में बहुत सारा पैसा खर्च होता है।
यह बड़े बड़े पूंजीपति इतने पैसे अपने शेयर को लिस्ट करवाने में क्यों खर्च करते हैं । क्या वह छोटे निवेशकों की भलाई के लिए यह सब करते हैं या इसके पीछे उनकी सोच छोटे निवेशकों का धन लूटने की होती है । आजकल कि पूंजीवादी व्यवस्था में कोई पूंजीपति समाज भलाई ,लोक भलाई आदि के लिए अपनी कंपनी खड़ी नहीं करता । शेयर मार्केट के माध्यम से यह बड़े बड़े पूंजीपति छोटे निवेशकों का धन लूट लेते हैं । मैं आपको एक उदाहरण के लिए माध्यम से समझाता हूं । जैसे मान लीजिए की एक कंपनी है इसका नाम है XYZ Ltd । इस कंपनी के प्रमोटर जब शेयर मार्केट में शेयर ईशु करते हैं ।तो यह 51% अपने पास रख लेते हैं । ताकि इनका कंपनी पर कंट्रोलिंग इंटरेस्ट बना रहे। बाकी बचे 49%शेयरों में से लगभग 24% यह 2 नंबर में अपने ब्रोकरों को दे देते हैं । बाकी 25% शेयर आम निवेशकों को दे दिया जाता है ।जो कंट्रोलिंग शेयर हैं 51% उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं की जाती, कोई ट्रेडिंग नहीं की जाती । जो 24% जो शेयर है जो ब्रोकरों के पास पड़े हैं उनसे सारा गेम खेला जाता है ।
मान लीजिए इस कंपनी के शेयर का भाव 30 अप्रैल को श ₹1000 है और इस कंपनी के नतीजे आने वाले हैं 15 मई को । इस कंपनी के निर्देशक प्रमोटर और अन्य उच्च अधिकारियों इस संवेदनशील जानकारी का पहले ही पता लग जाता है ,कि कंपनी का profit इस वर्ष कम रहेगा और शेयर की कीमत गिर जाएगी ।इनको यह जानकारियां आम आदमी से पहले ही उपलब्ध हो जाती हैं यह अपने ब्रोकरों को कहकर अपने हिस्से के 24% शेयर ₹1000 में बेच देते हैं। जब 15 मई को कंपनी के फाइनल रिजल्ट घोषित होंगे ,तो कम मुनाफे के कारण शेयर का भाव गिर जाएगा । जैसे कि मान लो अब एक शेयर की 750 रह गई , तो कंपनी यह निर्देशक प्रमोटर और अन्य उच्च अधिकारी अपने 24% शेयर फिर से खरीद लेंगे। इस तरह 250 रूपये एक शेयर के against आम आदमी से लूट लिए जायेंगे । मान लीजिए यह 24% शेयर हैं 1 लाख तो कुल कितना हुआ 2.50 करोड के लगभग ।इस तरह के लोगों ने 2.50 करोड़ आम निवेशक से लूट लिए जाते हैं । यह प्रक्रिया बार-बार दोहराई जाती है।
कोई भी सेंसिटिव इंफॉर्मेशन आम निवेशकों से पहले कंपनी के प्रमोटर आदि के पास पहले ही उपलब्ध होती है । यो यो मीडिया वाले कुछ आईकॉन आदि की सक्सेस स्टोरी बताता रहता है कि कैसे यह आईकान शेयर मार्केट में निवेश करके अमीर बन गए ।मीडिया यह नहीं बताती कि इन लोगों के पास सेंसेटिव इनफॉरमेशन पहले से ही रहती है जिसके नाम पर शेयर मार्केट में से पैसा लूटा जाता है ।इस सबको कानूनी भाषा में इंसाइडर ट्रेडिंग Insider Trading कहते हैं । खाना पूर्ति के लिए कुछ इंसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिए कुछ कानून भी बनाए गए हैं ।ताकि लोग भ्रमित रहे ।अगर इंसाइडर ट्रेडिंग नहीं होती तो यह कानून भी ना बनते ।शेयर मार्केट में पैसा हमेशा नीचे से मने आम आदमी से ऊपर की तरफ मने कुछ पूंजी पतियों तक पहुंचया जाता है ।शेयर मार्केट आजकल की पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का एक मुख्य टूल है
।पूंजी अर्थव्यवस्था के दूसरे टूल जैसे बैंक, म्यूचल फंड ,बीमा कंपनियां आदि आम आदमी को लूटने का एक यंत्र हैं । बैंकों के बारे में हम किसी अन्य वीडियो में चर्चा करेंगे जो लोग शेयर मार्केट में से पैसा निवेश करने से डरते हैं उनका पैसा Mutual Funds और बीमा कंपनियों के माध्यम से लूटा जाता है ।आप कम से कम 10 वर्षों का अध्ययन करके देखेंगे की शेयर मार्केट और बीमा कंपनियों ने इतनी रिटर्न भी नहीं दी होती जोकि इन्फ्लेशन बढ़ी है ,उसको भी कवर कर सके । इस पूंजीवादी शेयर मार्केट को हम जुआ भी नहीं कह सकते जुए में भी सबके जीत जाने के चांस बराबर बराबर होते हैं ।जैसे कि हम एक सिक्का उछालते हैं तो head या tail की आने की संभावना fifty fifty मने बराबर होती है ।शेयर मार्केट वह जुआ है जो पहले से ही निर्धारित है। आम निवेशक शेयर मार्केट में से कभी भी जीत नहीं सकता आप भी मीडिया और अखबारों के बहकावे में मत आइए और अपने अपने खून पसीने की कमाई वहां पर निवेश कीजिए जहां पर आप के पूर्वज करते थे और वह है सोना ।मैं आपको सोने में निवेश करने के लिए इसलिए कह रहा हूं कि एक तो हमारे सब पूर्वज सोने में निवेश करते थे ।दूसरा सोना सोने को कभी भी कहीं भी बेचा जा सकता है । तीसरा सोना महंगाई को कवर लेता है ।और सोने में निवेश करने में कोई रिस्क भी नहीं है कि आपका निवेश टूट जाए । सोना लिक्विडिटी रिस्क रिटर्न तीनों पर खरा उतरता ।
इस पर विचार विस्तार में चर्चा हम अपने आने वाले वीडियो में करेंगे जिसका नाम होगा सनातनी इन्वेस्टमेंट मॉडल और पूंजीवादी इन्वेस्टमेंट मॉडल| शेयर मार्किट के माध्यम से कैसे लूटा जाता है इसको इस COMDEY विडियो के माध्यम से देखें.................................
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