क्या पूंजीवादी अर्थव्यवस्था कर तंत्र से उत्पन्न global वार्मिंग के चलते नए नए वायरस आते रहेंगे
बहुत सारे वायरस बैक्टेरिया या तो मनुष्यों के लिये घातक हैं वह बर्फ के नीचे दवे हुए हैं । लेकिन पूंजीवादी विकास के मॉडल जोकि globalisation और mass production की अवधरणा पर आधरित है उसके कारण जो प्रदूषण उत्पन्न हो रहा । इस प्रदूषण के कारण कई ग्लेशियर पिघल रहें हैं जैसे 2019 में iceland में मौजूद सबसे बड़े ग्लेशियर का अंत हो गया । अब इससे हो क्या रहा है कि इस बर्फ के नीचे बहुत सारे वायरस और बैक्टेरिया सुरक्षित पड़े हैं जो बर्फ पिघलने पर बाहर आएंगे । क प्लेग ,जिसने दुनियाभर की एक तिहाई आबादी का अंत कर दिया था ,स्पेनिश फ्लू जिसने 1920 में 10 करोड़ लोगों की जान ले ली थी और भी बहुत सारे वायरस और बैक्टेरिया इन कब्रों से बाहर आ रहें हैं जो बर्फ के नीचे सुरक्षित पड़ी थी । अगर विश्व कोरोना वायरस से बच भी गया तो इन हजारों वायरस बैक्टेरिया से कैसे बचेगा । इसके लिये सनातन मॉडल जो localization और small scale production का मॉडल अपनाना पड़ेगा । जिससे प्रदूषण ,global warming औऱ इनसे उत्पन्न बीमारियों से मानव जाति की रक्षा हो सके https://sanatanbharata.blogspot.com/2019/11/blog-post_5.html?m=1,