स्वाइन फ्लू ,कम्युनिस्ट फ्लू कोरोना और एलोपैथी

जो लोग अमेरिका के एलोपथिक मेडिसिन सिस्टम का गुणगान करते नहीं थकते उनकी जानकरी के लिये बता दूं इतने बड़े एलोपैथी सिस्टम के होते हुए भी अमेरिका में 2018 में स्वाइन फ्लू जोकि pig फार्मिंग से  पैदा हुआ है उससे 80000 लोग मारे गए थे । स्वाइन फ्लू 2009 में अस्तित्व में आया था । अब सोचने वाली बात यह है कि 11 साल के बाद भी एलोपैथी स्वाइन फ्लू का कोई कारगर उपचार नहीं ढूंढ़ पाया । अब यह जो नया कम्युनिस्ट वायरस ,कॅरोना चला है उसकी संरचना भी स्वाइन फ्लू से मिलती जुलती है । सारा विश्व कॅरोना के आगे नतमस्तक है । अमेरिका जोकि एलोपैथी का गढ़ है वहां के विज्ञानिक इतने वर्षों से स्वाइन फ्लू का तोड़ नही ढूंढ पाए । तो उस एलोपैथी सिस्टम में आप स्वाइन फ्लू की दवा इतनी जल्दी कैसे ढूंढ पाएंगे इस पर मुझे उत्तर चाहिये । एलोपैथी में बैक्टेरिया जो की कोशिका से बने होते हैं उसका तो थोड़ा बहुत उपचार है लेकिन वायरस जो कि प्रोटीन का बना होता है उसका केवल symptomic इलाज है । अगर आपको कम्यूनिस्ट वायरस कॅरोना से गले की नली में सूजन आ गई और आपको साँस लेने में दिक्कत आ गयी टी आपको वेंटिलेटर पर लिटा कर आप गले में सांस की पाइप डाल दी जाएगी । अगर आपकी immunity ने कम्युनिस्ट वायरस मार दिया तो ठीक नही तो आप गए काम से । कहने का तात्पर्य यह है कि कम्युनिस्ट कॅरोना वायरस इतना खतरनाक  है ।
1. एक तो यह आप की सांस रोकता है । जिसका एलोपैथी में इलाज केवल वेंटिलेटर से हो सकता है और वेंटिलेटर हैं 40000 । सरकार ने इसलिये lock डाउन किया है कि रोगियों की संख्या 40000 से नीचे रहे ,नहीं तो एलोपैथी के पास कोई समाधान नही । 40000 के ऊपर जो भी रोगी होंगें उनकी मृत्यु दर 60% होगी
2. दूसरा यह ना केवल मनुष्यों से मनुष्यों से बल्कि संक्रमित व्यक्ति की छुई हुई चीज़ से भी फैलता है
Lock down इसका स्थाई समाधान नही है कम्युनिस्ट कोरोना 21 दिन के बाद भी जारी रह सकता है
अगर सरकार ने कम्युनिस्ट वायरस कॅरोना को परास्त करना है तो सरकार को एलोपैथी के साथ साथ आयुर्वेद की मदद भी लेनी पड़ेगी ।
आपके लिए सलाह
अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को आप गिलोय और तुलसी वटी से बढ़ा सकते है जिसको बाबा रामदेव ने और भारत सरकार ने कम्युनिस्ट कॅरोना के लिये प्रमाणित किया है यह आप नित्य ले सकते हैं
दूसरा कॅरोना वायरस पाकक होने पर आप त्रिभुवन कृति रस औऱ महा लक्ष्मी विलास रस किसी वैद्य की सलाह पर ले सकते हैं इसके लिए नित्यानंद जी जोकि बालकृष्ण के समकक्ष हैं उन्होंने ने कहा है । और अधिक जानकारी के लिये हमारा ब्लॉग पढें  https://sanatanbharata.blogspot.com/2020/02/carona-virus.html

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