हमारे शहर में राजस्थान के हिन्दू भाई सनातन कुल्फी की चलती फिरती दुकानें चला रहें हैं । इन्होंने अमूल ,vadilal , बसन्त की ice creame की मंजी ठोक रखी है । 

ताज़ी स्वादिष्ट कुल्फी वह भी बिना केमिकल्स के । पूर्ण साफ सफाई , चमचमाती दुकान । 


यहाँ एक और कंपनियों की ice cream महीनों पुरानी होती है और उनको खराब होने से बचाने के लिये यह भयंकर किस्म का केमिकल भी डालतें है । इन बड़ी कंपनियों की कुल्फी खाकर गले में खारिश उतपन्न होनें लगती है । केमिकल की निशानी है कि आपको बार बार पानी पीना पड़ेगा ,अगर आप एक बार इन बड़ी कंपनियों की कुल्फी खाते हो । 


दूसरी तरफ यह सनातनी भाईयों की कुल्फी बहुत स्वादिष्ट होती है और सेहतमंद भी । खास कर इसको खाने के बाद गले में खारिश नहीं उत्पन्न होती ।


सरकार को इन बड़ी कंपनियों के उत्पादों पर भयंकर tax ठोकना चाहिये खासतौर पर उन उत्पादों पर जिनको स्थानीय स्तर पर बनाया जा सकता हो ।


बड़ी कंपनियों पर टैक्स अधिक लेनें का एक कारण और भी है क्योंकि इनके उत्पाद बिना प्लास्टिक के नहीं आते और जो गन्द इस प्लास्टिक के कारण पड़ता है उसको साफ करने के लिये सरकार को बहुत खर्च करना पड़ता है  । उदहारण के लिये पांच दिन पुराने थैली वाले दूध से जो गन्द पड़ता है उसकी साफ सफाई की कीमत इनसे ही बसूली जानी चाहिए ।


दूसरा यह बड़ी कंपनियों के उत्पाद बिना ट्रांसपोर्ट के नहीँ चल सकते जिसके लिये सरकार को सड़कों पर इतना खर्च करना पड़ता है । बाकि जो प्रदूषण और बीमारी इनके उत्पाद फैलातें हैं उसके लिये इन पर 5% या 28% टैक्स नहीं ,कम से कम 70-80% टैक्स लगना चाहिये । इसके एवज़ में सरकार को individual income tax की exemption limit 10 लाख कर देनी चाहिए ।

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