एक बार केजरीवाल ने पुलिस वालों के लिये ठुल्ला शब्द का प्रयोग किया था । ठुल्ला शब्द पुलिस के साथ कैसे जुड़ा इसके पीछे एक इतिहास है । वास्तव में ठुल्ला एक घास का नाम होता है । जोकि असम में होती है । इस घास के रेशों से पहले पुलिस बल की गणवेश यानि यूनिफॉर्म बनाई जाती थी । इंटरनेट पर इसके बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है । globalization और mass production की अवधारणा ने विश्व की कई कलाओं , वस्तुओं को समाप्त कर दिया है । इनमें से एक बल्कल वस्त्र थे । जो सनातन भारत में ऋषि मुनि धारण करते थे । आवश्यकता है इन खोई हुई चीजों को ढूंढने की । और इनका प्रचार पसार करने । असल में globalization के इस भ्रम जाल उस विविधता , कला और ज्ञान की कोई कीमत नहीं जो कंपनियों के प्रॉफिट में आड़े आती हो । कला ,सँस्कृत विवधता और ज्ञान की रक्षा केवल और केवल सनातन localization का मॉडल ही कर सकता है । लेकिन सरकार और बाजार इसको समाप्त करने पर तुला है इसलिये समाज को आगे आना चाहिये । जिस प्रकार आम अंग्रेजी समाज ने भांग के पौधे को सरकार के और नशा माफिया से मुक्त करवा कर एक सन्मान जनक स्थान दिलवाया है वैसे ही भारत के आम समाज को राजनेताओं पर वाद विवाद करने के स्थान पर social media का उपयोग कला और संस्कृति बचाने पर करना चाहिये ।जिस पर भांग के रेशे से वस्त्र तैयार हो रहें हैं उसी प्रकार एक दिन वल्कल श्री राम के बल्कल वस्त्र और ठुल्ला घास के वस्त्र हमें लोकप्रिय करवाने चाहिए।
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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