1.कल पीली सरसों का तेल खुद बैठ कर निकलवाया गया वह भी कच्ची घानी से और traditional कोहलू से ,जो धीरे धीरे घूमता है । धीरे धीरे घूमने के कारण तेल की गुणवत्ता उच्च स्तर की होती है । कच्ची खानी के कोहलू में इमली के गुटके लगे होते हैं । आजकल बड़ी कंपनियों का तेल कोहलू से नहीं निकलता । एक बड़ी कंपनी अदनी wilmar अपनी बोतलों पर कच्ची खानी का तेल लिख कर India के पढ़े लिखे बेवकूफों को अनपढ़ भी सिद्ध कर रही है ।
2. 90 रुपये किलो पीली सरसों ,8 रुपये किलो निकलवाई देकर 1 लीटर तेल 170 रुपये पड़ गया । खल 34 रुपये किलो बिक जाती है । खल कोहलू वाला ही ले लेता है । शुद्ध सरसों के तेल को आप कई महीनों तक store कर सकतें है । एक बार मे कम से कम छह महीने का तेल निकलवा लेना चाहिये । काली सरसों 68 रुपये किलो है ।
3. खास बात यह रही कि शुद्ध सरसों का तेल आंखों में से पानी निकाल देता है । निकालने वाले को कम से कम पांच बार आंख धोनी पड़ीं । बाजार में मिलने वाले ब्रांडेड ,non ब्रांडेड तेल में मिलावट के कारण यह गुण समाप्त हो जाता है ।
4. दूसरा शुद्ध सरसों के तेल की बोतल के आर पार सूरज की रोशनी भी नहीं निकल सकती । जबकि बाजार में मिलने वाले तेल चमकदार और पारदर्शी होते है क्योंकि ब्लीचिंग करने के लिये acid आदि डाले जातें हैं ।
5. बाजार में मिलने वाले ब्रांडेड ,unbranded सरसों के बहुत सस्ते पाम आयल और रिफाइन्ड आयल की मिलों से निकलने वाले waste material की मिलावट होती है ।
6. हमारे शहर में एक बहुत बड़ी रिफाइन्ड तेल की कंपनी है जो लगभग सब कंपनियों को तेल सप्लाई करती है उनका अपना बड़ा ब्रांड है । जिसको बेचने के लिये जापान के राह चलते डॉक्टर से heart oil का सर्टिफिकेट ले लिया गया है । वह अपने घर के लिये पीली सरसों का तेल प्रयोग करतें हैं ।
7. पीली सरसों का तेल सही में heart oil है । हमारे एक मित्र को heart attack आ गया था । hero heart से stunt डालवा कर आया है । डॉक्टर ने पर्ची पर पीली सरसों का तेल लिख कर दिया है । एक बार stunt पड़ गया तो 2-3 लाख तो गया पानी में । इतने का पूरी जिंदगी भर का तेल आ जायेगा ।
8. कोहलू वाले से और मार्किट में रिसर्च करके पता लगा कि आजकल बड़े लोग पीली सरसों का तेल खुद निकलवा रहें हैं । यह कंपनियों वाला तेल तो केवल अब गरीब गुरवा ही प्रयोग कर रहा है । सरसों के तेल के साथ साथ ,नारियल , तिल ,असली ,बादाम आदि का तेल बड़े लोग खुद निकलवा रहें हैं । 10 साल में बहुत बड़ा बदलाव होगा ।
eat local ,eat fresh
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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