खाज खुजली को राष्ट्रीय बीमारी घोषित कर देना चाहिये । अधिकतर खाज खुजली की समस्या की जड़ में है साबुन में पड़ने वाले घटिया तेल ,और हानिकारक रसायन । पिछले दो तीन साल से खाज की समस्या से बहुत परेशान था । पिछले वर्ष तो समस्या इतनी बढ़ गई थी कि रात एक बार खाज शुरू हो जाती तो रुकती ही नहीं थी । खाज के कारण दर्द भी होने लगता था । कुदरती एलोवेरा घिसने से कुछ आराम मिलता फिर वैसे का वैसा । हर दवा प्रयोग करके देख ली कोई बात नहीं बनी । फिर जड़ पर प्रहार करने की सोची । साबुन में प्रयोग होने वाले घटिया तेल और रसायन आपकी त्वचा में से वह रस सोख लेतें हैं जिनकी आपकी त्वचा और हड्डियों को बहुत अधिक आवश्यकता है । इससे छुटकारा पाने के लिये घर में ही साबुन बनाने का विचार मन में कौंधा । कई वीडियो देखकर और प्रयोग कर अंत में साबुन बनाने में सफलता मिल ही गई । सनातन साबुन । 40 ग्राम कॉस्टिक लें इसे 100 ग्राम पानी में घोल कर रख लें लगभग दो घण्टे तक । इस प्रक्रिया में विशेष सावधानी बरतें । उसके बाद 220 ग्राम कोहलू से निकला शुद्ध नारियल का तेल लें । कंपनियों के नारियल का तेल हानिकारक hexane नामक जहर से निकाला जाता है । कॉस्टिक और पानी के घोल में नारियल का तेल मिलाकर अच्छी तरह हिलाएँ । कॉस्टिक और वसा क्रिया से साबुनीकरण हो जाता है । जब घोल semi solid होने लगे तो इसमें ,हल्दी ,नीम तुलसी ,गुलाब आदि का उबला हुआ 50 ग्राम पानी मिला दें । कुदरती एलोवेरा का जैल और मुल्तानी मिट्टी भी सेमि solid तरल में भी मिला लें । इस घोल को 15 दिन के लिये छोड़ दें । हो गया साबुन तैयार ।
मैंने इस घर के साबुन से अपनी दाद खाज खुजली से निजात पा ली है । इस गर्मी खाज का प्रकोप बिल्कुल नहीं हुआ । खाज की जड़ कंपनियों के साबुन की जड़ पर ही प्रहार कर दिया । 350 ग्राम साबुन मुश्किल से 130 रुपये में बन जाता है । घटिया से घटिया साबुन भी इस लागत में नहीं आता । एक बार में एक दो महीने से अधिक का साबुन मत तैयार करें ।
खुजली तो हटेगी ही । साथ में कोई क्रीम बग़ैर मुँह में पोतने के झन्झट से भी झुटकारा मिल जाएगा । कंपनियों के साबुन में हल्दी ,नीम चन्दन आदि का केवल फ़ोटो चिपकाया जाता है । बीच में कुछ नहीं होता ।
कंपनियों के साबुन आपको माधुरी दिक्सित चाहे बना सकें या ना । खाज वाला कुत्ता जरूर बना देंगे । जिनके खाज नहीं है वह खाज होने तक इंतजार कर सकतें हैं ।
धन्यवाद ।
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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