हिन्दू धर्म को बचाने वाला लौह आवरण हिन्दू समाज व्यवस्था भी अब ढह चुकी है । भारत की धरती पर हिन्दू धर्म का अवसान अब निश्चित है । पहले हिंदुओं के पास से राजनीतिक सत्ता छीन ली गई मुरसमानो और ईसाइयों द्वारा । फिर कांग्रेस ने आज़ादी के बाद गुरुकुल व्यवस्था की जड़ों में तेल डाला गया । जिससे हिन्दू धर्म के प्रचार प्रसार करने वाली धर्म सत्ता छिन गई । परिणाम स्वरूप हिंदुओं के पास अपने धर्म के बारे में ज्ञान देने वाली प्रणाली समाप्त हो गई । और हिन्दू डेरे ,मत पन्थो आदि के पास जाने लगे । कभी सोचा है कि कोई मुरसमान कभी ब्रह्मकुमारी , साई ,राधास्वामी , निरंकारियों के डेरों में क्यों नही जाता । साई को भगवान का दर्जा हिन्दू सनातन धर्म के पतन का सबसे बड़ा चिन्ह है । अंत मे रह गई रही थी हिन्दू समाज व्यवस्था । जिसके लौह आवरण के कारण हिन्दू धर्म पिछले 1000 साल से सुरक्षित रहा । यह हिन्दू समाज व्यवस्था सनातन अर्थव्यवस्था के मॉडल के पतन के साथ आरंभ हुई । पिछले 30 वर्षों में स्नातसन अर्थव्यवस्था बिल्कुल मृतप्राय सी ही गई है । अब इसके कफन में आखिरी कील ठोकी जा रही है । जैसे ही हिंदू समाज का पतन हो जाएगा हिन्दू धर्म का भारत भूमि से अवसान हो जाएगा । आधुनिक एक शब्द चल रहा 'आजकल' । जिसको आगे लगाकर आप किसी भी हिन्दू परंपरा का अवसान कर सकते हो । जैसे अब pre wedding का दौर चल पड़ा है अगर कोई इसको टोके तो उसको यह कहकर चुप करवा दिया जाता है कि 'आजकल सब चलता है जी '। पहले विवाह शादी में हिंदुओ की औरतें खाना बनाती थी और बाहर की औरतें नाचतीं थी । अब हिंदुओं की औरतें विवाह शादी में अश्लील नृत्य करतीं है और बाहर की औरतें खाना बनाती हैं । अगर कोई इसको रोके तो उसको यह कहकर चुप करवा दिया जाता है कि आजकल सब चलता है जी । भारत की धरती पर हिन्दू समाज पूर्णतः समाप्त हो चुका है बस घोषणा होनी बाकी है
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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