वैदिक व्यवस्था के अनुसार भौतिक स्वर्ण ही सही है । gold bonds सरकार लेकर ही इसलियें आई है कि लोग सवर्ण ना खरीदें । चाणक्य के अनुसार धन को चोरों से और राजपुरुषों से बचा कर रखना चाहिये । कल को अगर सरकार कोई अंट संट केस लगाकर आपकी सम्पत्ति जब्त कर लेती है तो भौतिक सवर्ण ही काम आयगा । बाकी एक बात और है जो लोग बिल्कुल नहीं देखते वह है transferabilty इसका अर्थ है कि अचानक मृत्यु हो जाने पर आपकी सम्पत्ति आपकी अगली पीढ़ी तक पहुंच सकती है या नही । भौतिक सवर्ण को छोड़कर बाकि सब चीजों की ट्रांस्फेरबिल्टी बहुत खराब है । अधिकतर लोग पैसा निवेश कर भूल जातें है। बाकि सरकार औऱ कंपनियां नए नए शिगूफे लेकर आती रहती है जैसे kyc आदि । जिसके चलते कम से कम 25% पैसा कंपनियों या सरकार के पास रह जाता है ।
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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