अब ताज़ी मिठाईयों की जगह बड़ी बड़ी कंपनियों की चार छह महीने मिठाई खाने के लिए हो जाएं तैयार । मोदी सरकार हलवाइयों को बेरोज़गार कर देश का विकास करने के लिये कटिबद्ध है । इससे देश की जीडीपी कैसे बढ़ेगी और देश का विकास कैसे होगा ? इसको जानने के लिये एक उदाहरण ले लेते हैं । मान लो एक शहर में 1000 छोटे हलवाई हैं जो आपको ताज़ी मिठाई देतें हैं और एक हलवाई साल का 200000 रुपए कमा लेता है । एक हलवाई के पास औसतन 10 व्यक्ति काम करते हैं और सारे हलवाइयों के पास 10000 व्यक्ति काम करते हैं । सारे हलवाई मिलकर साल में 20 करोड़ कमा लेतें हैं । अब मान लो सरकार इन सब हलवाइयों का काम छीन कर किसी सरकारी या प्राइवेट ( देशी या विदेशी,) कंपनी जैसे amul ,verka ,mother dairy ,हल्दीराम ,पेप्सिको आदि को दे देती है और यह कंपनियां इन 1000 हलवाइयों को और इनके 10000 श्रमिकों को बेरोजगार कर देती हैं और इनके स्थान पर मशीनें आदि लगाकर केवल 100 व्यक्तियों को रख कर खुद 20 करोड़ कमा लेती हैं । तो देश की जीडीपी 20 करोड़ बढ़ जाएगी और देश के employment index में 100 व्यक्तियों की वृद्धि हो जाएगी । चाहे दूसरी तरफ 11000 व्यक्ति बेरोजगार हो गयें हो । इसको कहते हैं देश का विकास ,जीडीपी ग्रोथ । आप में से कौन कौन देश का विकास नहीं चाहता । बतायें हमें टिप्पणी बॉक्स में ।

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