*अगर आप अपने बच्चों को किसी स्पोर्ट्स एक्टिविटी के स्थान पर संघ शाखा में भेजते है तो.......*
👌आपके बच्चे में नेतृत्व के गुण बचपन से ही विकसित होने लगते हैं । संघ शाखा में गट नायक, गण शिक्षक, मुख्य शिक्षक का दायित्व संभालते संभालते आपके बच्चे में नेतृत्व के गुण उभरने लगते हैं ।
👌आपके बच्चे बुरी संगत से दूर रहेंगे । आजकल कई बच्चे जल्द ही नशे की लत का शिकार हो जाते है । इसलिए हमारे शास्त्रों में सत्संग पर इतना अधिक जोर दिया गया है । जैसी संगत वैसी रंगत । हमारी क्लास के अधिकतर सहपाठी आजकल नशा कर रहें है जबकि बचपन से ही संघ शाखा में जाने के कारण हम इससे बचे हुए हैं ।
👌संघ का संगठन इतना विशाल है कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते । संघ के प्रचारक जी खुद आपके बच्चों का ध्यान रखते हैं और स्वयंसेवकों को उनकी क्षमता अनुसार दायित्व सौंपते रहते है । जिससे उनका विकास होता रहता है । पंडित दीनदयाल उपाध्याय , श्याम प्रसाद मुखर्जी , दत्तोपंत ठेंगड़ी , प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कई राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि संघ की शाखा में नित्य जाने वाले स्वयंसेवक हैं ।
👌आपके बच्चे में कई नए गुण विकसित होते रहते हैं जैसे शाखा में हर रोज़ गीत होता है जिससे जो बच्चा जिसका स्वर अच्छा होता है उसको गाने का मौका मिलता रहता है । संघ में हर रोज़ कहानी , समाचार समीक्षा आदि के कार्यक्रम में बच्चो का बौद्धिक स्तर भी निखरता है ।
👌आपका बच्चे को शाखा में एक बड़ा परिवार मिलता है। उसको अपने से बड़ों से मार्गदर्शन और स्नेह , छोटों की देखभाल ,और साथियों से सामंजस्य आदि के गुण मिलते हैं ।
👌शारीरिक विकास होने के साथ साथ आपके बच्चे का बौद्धिक स्तर भी उच्च श्रेणी का हो जाता है । आरएसएस का बौद्धिक विभाग बच्चों के बौद्धिक स्तर का ध्यान रखता है ।
👌संघ द्वारा बच्चों और युवाओं के मानसिक शारीरिक विकास के लिये वर्ष में बाल शिविर , प्राथमिक शिक्षा वर्ग, संघ शिक्षा वर्ग , गीत प्रतियोगता , कहानी , खेल प्रतियोगिता, घोष आदि आयोजित करता रहता है । मोदी जी जो इतना अच्छा ड्रम बजा लेते हैं वह आरएसएस में घोष सीखने का ही परिणाम है ।
आज ही अपने बच्चों को संघ शाखा में भेजिये और अपने बच्चों में शिवाजी, महाराणा प्रताप ,जैसे गुण विकसित करें ।
💐 *आरएसएस की शाखा में जाने के लिये नीचे दिए गये लिंक पर जाकर फॉर्म भरें आपको अपनी नजदीकी शाखा से सम्पर्क किया जाएगा ।https://www.rss.org/pages/joinrss.aspx*
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेस...
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