चाणक्य ने ही सबसे पहले localization {local consumption local production} के स्थान पर globalization की अवधारणा दी ।
चाणक्य के अनुसार धर्म का मूल अर्थतन्त्र है । और अर्थतन्त्र का मूल कृषि है । सनातन भारत मे किसी राजा के राज्य अभिषेक के समय पुरोहित यह कहता था 'राजन यह राज्य आपको कृषि की उन्नति के लिये दिया जाता है ' । चाणक्य ने यह अवधारणा बदल कर व्यापार को प्राथमिकता दी । चाणक्य ने ही सबसे पहले localization {local consumption local production} के स्थान पर globalization की अवधारणा दी । चाणक्य केन्द्रीकृत सत्ता चाहते थे । चाणक्य के अनुसार जो चीज़ जहाँ manufacture होती है वहाँ पर sale नही होनी चाहिये तांकि टैक्स की चोरी ना हो सके और सारा समाज सरकार पर निर्भर हो सके । इसलिये आजकल सभी सरकारें globalization को बढ़ावा देती है । तांकि trade की उन्नति हो और सरकार को अधिक से अधिक टैक्स collect हो । अगर सरकार localization को बढ़ावा देगी तो सरकार को टैक्स की हानि होगी और सरकार पर लोगों की निर्भरता कम हो जाएगी । आजकल का पूँजीवादी अर्थव्यवस्था का मॉडल जो कि भारत सहित पूरे विश्व में लागू है उसका जन्मदाता adam smith को माना जाता है । उसकी एक पुस्तक weatlh of nation पूरी पूँजीवाद व्यवस्था का आधार है । उसने भी अपनी सारी अवधरणा चाणक्य के अर्थशास्त्र से ली हैं । अगर सरकार पूंजीवादी एक फ़सली खेती के स्थान पर सनातन मिश्रित खेती की अवधारणा लागू कर दे तो localization का कांसेप्ट लागू हो जाये । औऱ देश में फिर से सतयुग आ जाये । मिश्रित खेती के बिना ग्रामीण अर्थव्यवस्था ,स्थानीय कारण , स्वदेशी की अवधारणा की कल्पना भी नहीं की जा सकती । उदहारण के लिये पंजाब में केवल धान ,गेंहु ,और गन्ने की फसल होती है । अब कोई जुल्हा ,तेल का कोहलू कैसे लग सकता है । चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य के समय localization का मॉडल लागू था तभी देश में रामराज्य था । भगवान राम के समय भी localization और decentralization of गवर्नमेंट का मॉडल लागू था । इसलिये भगवान ने किष्किंधा का राज्य अपने अधीन ना कर सुग्रीव को और लंका का राज्य विभीषण को दे दिया । जबकि रावण के अर्थतंत्र और राज्य का मॉडल globalization और centralization of power पर आधारित था । बडे राज्य को चलाने के लिए आपको मशीनरी और तकनीक चाहिये । इसलिये रावण के पास विभिन्न तरह के विमान , navigation system थे क्योंकि उसको कंट्रोल करने के लिये दूर दूर आना जाना पड़ता था । decentralization मॉडल के चलते अयोध्या के पास कोई विमान आदि नहीं था ।मिश्रित खेती के मॉडल के बारे में अधिक जानने के लिये हमारा यह ब्लॉग पढें
sanatanbharata.blogspot.com और localization और globalization के बारे में अधिक जानकारी के लिये यह ब्लॉग पढें ।https://sanatanbharata.blogspot.com/2019/11/blog-post_5.html?m=1
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