। आजकल की consumption based economic मॉडल के लिय और जीडीपी ग्रोथ के लिए यह बहुत जरुरी है कि आपके ऊपर अधिक से अधिक loan चढ़े । यह debt based economy का मॉडल है । जितना आप पर कर्ज अधिक होगा उतनी कंपनियों के products जैसे tv फ्रिज कार आदि की demand अधिक होगी उतनी इन कंपनियों की बिक्री अधिक होगी ।इसलिये तो कंपनियों के उत्पाद के लिए चुटकियां में loan हो जाता है जैसे car loan ,मोबाइल loan आदि ।2008 में मनमोहन सिंह ने 36 लाख करोड़ का पैकेज मने कर्ज़े बांटा था जिससे जमीन के दामों में बेहतशा बृद्धि हुई । जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के लाभ कई गुना अधिक हो गए थे जीडीपी छलांगे मारने लगी थी । लेकिन आम आदमी को जो घर पहले 15 लाख में मिलता था जीडीपी ग्रोथ की वजह से 60 लाख का मिलने लगा । इसको कहते हैं असली विकास। इस सब कवायद से नई जमीन आसमान से उतर आई थी ।
बैंक reserve financing के method से खुद currency create कर लेते हैं । बैंक की books of accounts में केवल एक entry से मुद्रा का निर्माण हो जाता है ।यह 20 लाख करोड़ भी ऐसे ही reserve financing की मदद से खुद create कर लेगा और देश के लोगों पर 20 लाख करोड़ का और कर्ज चढ़ जाएगा ।
बैंक reserve financing के method से खुद currency create कर लेते हैं । बैंक की books of accounts में केवल एक entry से मुद्रा का निर्माण हो जाता है ।यह 20 लाख करोड़ भी ऐसे ही reserve financing की मदद से खुद create कर लेगा और देश के लोगों पर 20 लाख करोड़ का और कर्ज चढ़ जाएगा ।
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सनातन सेविंग की इकॉनमी का मॉडल
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