पूंजीवादी कंपनियां आपके पर्यावरण से कैसे खेलती हैं ।
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आज से लगभग 30 साल पहले cold drink और पांच दिन पुराना दूध आजकल की तरह प्लास्टिक में ना आकर कांच की बोतल में आता था । जिन बोतलों को इन पूंजीवादी कंपनियों द्वारा recollect करना पड़ता था । फिर इनको धो कर पुनः प्रयोग में लाया जाता था । बार बार प्रयोग से यह बोतलें गन्दी दिखने लगती थी । जिससे इनको पीने से लोग हिचकिचाते थे । कांच की बोतलें भारी भी होती थी और महंगी भी । दुकानदार के पास पहले कांच की बोतलों की security जमा करवानी होती थी जो कि खाली बोतल वापिस होने पर वापिस की जाती थी । कांच की बोतलों का transportation में टूटने का खतरा भी बना रहता था । इन सब परिस्थितियों के बावजूद हमारे पर्यावरण में plastic का गन्द नहीं पड़ा था ।लेकिन इन कंपनियों की बिक्री और profit पर असर पड़ता था ।
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आज से लगभग 30 साल पहले cold drink और पांच दिन पुराना दूध आजकल की तरह प्लास्टिक में ना आकर कांच की बोतल में आता था । जिन बोतलों को इन पूंजीवादी कंपनियों द्वारा recollect करना पड़ता था । फिर इनको धो कर पुनः प्रयोग में लाया जाता था । बार बार प्रयोग से यह बोतलें गन्दी दिखने लगती थी । जिससे इनको पीने से लोग हिचकिचाते थे । कांच की बोतलें भारी भी होती थी और महंगी भी । दुकानदार के पास पहले कांच की बोतलों की security जमा करवानी होती थी जो कि खाली बोतल वापिस होने पर वापिस की जाती थी । कांच की बोतलों का transportation में टूटने का खतरा भी बना रहता था । इन सब परिस्थितियों के बावजूद हमारे पर्यावरण में plastic का गन्द नहीं पड़ा था ।लेकिन इन कंपनियों की बिक्री और profit पर असर पड़ता था ।
जैसे कि आप जानते हैं कि इन पूंजीवादी दूध और cold drink वाली कंपनियों को आपके पर्यावरण से कुछ लेना देना नहीं । इनका मूलमंत्र है कि इनका profit कैसे अधिक से अधिक हो । अब इस कांच की बोतल के जिन्न से पीछा छुड़ाने के लिये इन्होंने नकली विज्ञान का सहारा लिया और प्लास्टिक की बोतल की खोज निकली । यह प्लास्टिक की बोतल हल्की थी ,सस्ती थी ,चमकदार थी और टूटती नही थी । इसको recollect नही करना पड़ता था । प्लास्टिक की बोतल आने से इन कंपनियों की sale कई गुना बढ़ गई और transportation cost ,washing cost, packing cost आदि कम होने से इनका profit कई गुणा बढ़ गया ।
लेकिन इन प्लास्टिक की बोतलों ने हमारे सारे पर्यावरण का नाश मार दिया । सारे समुद्र ,नदी ,नाले पर्वत मैदान इन खाली प्लास्टिक की बोतलों से भर गए । कई जीव जंतुओं की प्रजातियों को यह plastic निगल चुका है । इन सब के बावजूद जीडीपी गिर जाने का डर दिखा कर सरकार इन कंपनियों के प्लास्टिक के प्रयोग करने पर प्रतिबंध नहीं लगाती है । यह पांच चार बड़े बड़े पूंजीपति नेताओं और अफसरों को खरीद लेतें हैं । सरकार को चाहे इन कंपनियों द्वारा फैलाये गए गन्द को साफ करने के लिये आपके टैक्स के करोड़ों रुपये खर्च करनें पड़ जाएं पर इन कंपनियों के प्लास्टिक के प्रयोग पर बैन नहीं लगेगा । भारत को छोड़िये आपके ईमानदार मुल्क ,अमेरिका ,जापान ,यूरोप के polticians भी इतने ही corrupt हैं ।
लेकिन आप इन लालची पूंजीवादी कंपनियों के मुंह पर तमाचा मार सकते हैं । इनके गन्दे cold drink ,fruit juice के स्थान पर ताज़ा जूस और थैली वाले दूध के स्थान पर किसान से सीधा दूध खरीद कर । यकीन मानिए इन कंपनियों के स्वार्थ के आगे आपकी सेहत और पर्यावरण की कोई कीमत नही।
जय विकास जय जीडीपी जय नकली विज्ञान
जय विकास जय जीडीपी जय नकली विज्ञान
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